केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, रेलवे और रक्षा भारत की रीढ़, नही होगा रेलवे का निजीकरण

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रेल मंत्री ने कहा, ‘अगले पांच सालों में रेलवे का पूर्ण रूप से कायाकल्प होगा। वंदे भारत, नमो भारत जैसी ट्रेनें और कवच ट्रेन सुरक्षा तंत्र की तैनाती इस बदलाव का नेतृत्व करेगी। यह रेलवे के परिवर्तन का युग है।’

न‍िजीकरण का सवाल ही नहीं

वैष्णव ने कहा, ‘रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है। मैं ऐसी अफवाहें फैलाने वालों से आग्रह करता हूं कि वे याद रखें कि रेलवे और रक्षा भारत की दो रीढ़ हैं। इन्हें सभी प्रकार की राजनीति से बचाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि रेलवे का राजनीतिकरण बंद हो। ध्यान प्रदर्शन, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और सभी को सस्ती सेवा प्रदान करने पर है।’

रेलवे बजट का जिक्र करते हुए वैष्‍णव ने कहा कि यह वर्तमान में 2.5 लाख करोड़ रुपये है। इसमें पिछले एक दशक में 31,000 किलोमीटर नई रेलवे लाइनें बिछाई गई हैं।

3000 ट्रेन शुरू करने की योजना

मंत्री ने बताया, ‘हमारी योजना अगले छह वर्षों में 3,000 ट्रेन शुरू करने की है। यूपीए शासन के दौरान महाराष्ट्र को रेलवे कार्यों के लिए 1,171 करोड़ रुपये मिलते थे। मोदी सरकार में यह आंकड़ा बढ़कर 15,940 करोड़ रुपये हो गया है। राज्य में बुलेट ट्रेन सेगमेंट के लिए 33,000 करोड़ रुपये और समर्पित माल गलियारे के राज्य चरण के लिए 12,500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।’

वैष्‍णव ने आगे कहा कि मराठवाड़ा को बंदरगाह सुविधाओं से जोड़ने के लिए 7,000 करोड़ रुपये की एक परियोजना पाइपलाइन में है। जालना-जलगांव और इंदौर-मुंबई सीधी संपर्क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है।

वैष्णव के मुताबिक ‘कुल मिलाकर, महाराष्ट्र में रेलवे परियोजनाओं में कुल निवेश 1.64 लाख करोड़ रुपये है। अमृत भारत स्टेशन परियोजना के तहत 1,337 स्टेशनों की पहचान की गई है। इनमें से 132 महाराष्ट्र में हैं।

-एजेंसी