अंडर-ग्रेजुएट कोर्सेज स्टूडेंट्स के लिए UGC ने लागू किया क्रेडिट फ्रेमवर्क

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यूजी व और रिसर्च इंटर्नशिप की मुख्य बातें

इंटर्नशिप प्रोग्राम तैयार करने के लिए संस्थानों को एक नोडल ऑफिसर तैनात करना होगा। साथ ही, संस्थान विभिन्न कंपनियों के साथ इंटर्नशिप के लिए समझौता (MoU) करेंगे।

संस्थान द्वारा हर स्टूडेंट के लिए एक इंटर्नशिप सुपरवाइजर बनाया जाएगा, जो कि निर्धारित अवधि के लिए इंटर्नशिप प्रोजेक्ट को पूरा करने में स्टूडेंट की मदद करेगा।

ग्रुप इंटर्नशिप की संभावनाएं भी संस्थान तलाश सकते हैं।
इंटर्नशिप निर्धारित करने के लिए सस्थानों द्वारा लोकल मार्केट की जरूरतों को लेकर सर्वेक्षण किया जाएगा।
सर्वेक्षण और संचालित किए जा रहे कोर्सेस के आधार संस्थान द्वारा इंटर्नशिप प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे।

इन इंटर्नशिप प्रोजेक्ट और उनके लिए बनाए गए मेंटॉर्स की जानकारी संस्थानों को अपने पोर्टल पर प्रकाशित करनी होगी।

साथ ही, सस्थानों को अपने पोर्टल पर एपीआइ इंटीग्रेशन के साथ व्यवस्था करनी होगी कि कंपनियों के एक्सपर्ट्स या एजेंसियां रजिस्ट्रेशन कर सकें।

इंटर्नशिप प्रोजेक्ट स्टूडेंट के स्किल डेवेलपमेंट कोर्सेस से लिंक होगा।

स्टूडेंट्स को अपने मेंटॉर को संस्थान या शोध संगठन या विश्वविद्यालय या राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों, प्राइवेट कंपनियों या स्थानीय प्रशासन या भारत के बाहर विशेषज्ञों में से चुनने की छूट होगी। इसके लिए एक केंद्रीय पोर्टल बनाया जा सकता है।

संस्थान स्थानीय प्रशासन की मदद से ऐसे कार्यों की पहचान कर सकते हैं जिसके लिए इंटर्नशिप प्रोजेक्ट तैयार किए जा सकें। इससे स्टूडेंट्स को सामाजिक समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी।

Compiled: up18 News