23 जून को देश के करीब 15 विपक्षी दल पटना में महागठबंधन बनाने के लिए जुटे थे। वह एक साथ आकर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने की बात कर रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के भोपाल में UCC को लेकर दिए गए बयान के बाद विपक्ष में एकता में फूट पड़ती नजर आ रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर पहले आम आदमी पार्टी ने अब शिवसेना (उद्धव गुट) ने समर्थन का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र की प्रमुख विपक्षी पार्टी NCP ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।
प्रधानमंत्री ने भोपाल में UCC को लेकर दिया था बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों के लिए एक समान अधिकार मिला है। दो अलग-अलग कानूनों से घर तक नहीं चलता तो देश कैसे चलेगा। बता दें कि राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद बीजेपी अब अपने तीसरे अहम अजेंडे समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ने को तैयार है। UCC जनसंघ के दौर से ही उसके घोषणा पत्र में रहा है।
AIMPLB सहित विपक्ष ने किया था विरोध
प्रधानमंत्री के UCC को लेकर दिए गए बयान के बाद मुस्लिम संगठनों से लेकर विपक्ष तक ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस पीएम मोदी पर राजनीतिक लाभ के लिए UCC का मुद्दा उठाने का आरोप लगा रही है। वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी विरोध करते हुए लॉ कमीशन तक जाने की बात कर दी।
बिन मांगे आप और शिवसेना का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने UCC को लेकर अभी सिर्फ जिक्र किया है। पार्टी अभी अपने इस वादे को पूरा करने के लिए कब बिल लाएगी ये किसी को नहीं पता। भारतीय जनता पार्टी ने अभी किसी से समर्थन भी नहीं मांगा है। लेकिन अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) ने बिन मांगे भाजपा को अपना समर्थन दे दिया। वहीं, महाराष्ट्र की प्रमुख विपक्षी पार्टियों में से एक शरद पवार की NCP ने UCC पर न्यूट्रल रुख अपनाते हुए कहा कि हम इसका न विरोध करेंगे और न समर्थन।
आम सहमति से लागू हो UCC-आप
समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर आप नेता संदीप पाठक ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि हम सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं। क्योंकि अनुच्छेद 44 भी कहता है कि देश में यूसीसी होना चाहिए। इसलिए सभी धर्मों, राजनीतिक दलों और संगठनों से व्यापक विचार विमर्श कर आम सहमति बनानी चाहिए।
शिवसेना (उद्धव गुट) भी UCC के समर्थन में
बता दें कि पीएम मोदी के बयान से पहले लॉ कमीशन ने UCC पर धार्मिक संगठनों और जनता की राय मांगी थी। लॉ कमीशन के इस कदम के बाद शिवसेना उद्धव ठाकरे ने भी UCC का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं लेकिन जो लोग इसे ला रहे हैं, उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि इससे सिर्फ मुसलमानों को परेशानी होगी, बल्कि इससे बल्कि इससे हिंदुओं को भी दिक्कत होगी और कई सवाल उठेंगे।
NCP ने साधी चुप्पी
शरद पवार की पार्टी NCP भारतीय जनता पार्टी की हर बात का विरोध करती है। लेकिन इस बार वह UCC के मुद्दे पर पूरी तरह से चुप है। पार्टी ने विपक्ष से अलग हटकर बयान देते हुए कहा कि वे UCC का न तो समर्थन करेगी और न ही इसका विरोध करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव नसीम सिद्दीकी ने कहा, यूसीसी का तुरंत विरोध नहीं होना चाहिए। इस पर व्यापक चर्चा की जरूरत है। दुनिया के कई देशों में सभी के लिए एक जैसा कानून है। ऐसे कानूनों में महिलाओं को समान अधिकार जैसे मुद्दे शामिल हैं इसलिए विरोध नहीं होना चाहिए। एनसीपी ने कहा, हम लॉ कमीशन को अपनी सिफारिशें भेजेंगे।
विपक्षी एकता से पहले ही विपक्ष में सेंध
प्रधानमंत्री मोदी के एक बयान से ही विपक्ष में सेंध लगता दिख रहा है। कहां सभी दल 12 जुलाई को एकजुट होकर मीटिंग कर भाजपा को हराने की रणनीति बनाने की बात कर रहे थे। अब UCC के मुद्दे पर ही दो फाड़ होते दिखाई दे रहे है। अब देखने वाली बात ये है कि क्या UCC के मुद्दे पर मतभेद होने के बावजूद सभी दल एक साथ गठबंधन करने के लिए एकजुट होंगे या अभी से अलग हो जाएंगे।
Compiled: up18 News
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