अमेरिका में भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस को सम्मान मिलने पर भड़के ट्रंप समर्थक, एलन मस्क ने बोला तीखा हमला

Exclusive

टेक अरबपति एलन मस्क ने जॉर्ज सोरोस पर तीखा हमला किया है। मस्क ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में कहा, ”यह हास्यास्पद है कि बाइडेन सोरोस को स्वतंत्रता का पदक दे रहे हैं।” अपनी एक और पोस्ट में एलन मस्क ने सोरोस पर निशाना साधा। मस्क ने लिखा, ”जॉर्ज सोरोस ने फर्जी शरणार्थी दुःस्वप्न (बुरा सपना) बनाने के लिए अरबों खर्च किए जो अमेरिका और यूरोप को नष्ट कर रहा है।”

मस्क ने जॉर्ज सोरोस की वेबसाइट पर ‘शरण प्रणाली का पुनर्निर्माण’ शीर्षक के साथ प्रकाशित एक आर्टिकल का हिस्सा भी पोस्ट में शेयर किया है, जिसमें सोरोस यूरोपीय संघ को कह रहे हैं कि उसे को निकट भविष्य में हर साल कम से कम दस लाख शरणार्थियों को स्वीकार करना होगा और ऐसा करने के लिए उसे बोझ को उचित रूप से साझा करना होगा। आर्टिकल के हिस्से के आखिर में लिखा है, ”यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि देशों और शरण चाहने वालों को अपनी पसंद व्यक्त करने की अनुमति दी जाए और उन पर कम से कम दबाव डाला जाए। शरणार्थियों को वहां रखना जहां वे जाना चाहते हैं और जहां उन्हें जाना चाहिए, यह सफलता की अनिवार्य शर्त है।

भारत में विवादास्पद हस्ती माने जाते हैं जॉर्ज सोरोस

व्हाइट हाउस के आधिकारिक बयान के अनुसार सोरोस एक प्रमुख निवेशक और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक है। उन्हें लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए उनकी वैश्विक पहल के लिए मान्यता दी गई। हालांकि, अमेरिका के शीर्ष पुरस्कार विजेता जॉर्ज सोरोस भारत में एक विवादास्पद व्यक्ति माने जाते हैं।

भारत में विवास्पद क्यों जॉर्ज सोरोस?

भारतीय जनता पार्टी के भीतर जॉर्ज सोरोस का रुख भारत विरोधी माना जाता है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें ‘बूढ़ा, अमीर और खतरनाक’ व्यक्ति कहा था। जॉर्ज सोरोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक रहे हैं। सोरोस पर अपने संगठन ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ के माध्यम से ‘स्वतंत्र कश्मीर के विचार’ का समर्थन करने का भी आरोप है। बीजेपी की ओर से कांग्रेस और जॉर्ज सोरोस की मिलिभगत के आरोप भी लगाए जाते रहे हैं।

अडानी के बहाने भारत सरकार पर साधा था निशाना

द फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक फरवरी 2023 में जॉर्ज सोरोस ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने भाषण में यह भी कहा था कि पहली हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद बिजनेस टाइकून अडानी के साथ गठबंधन करने से भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ काफी कमजोर हो सकती है। उस समय भारत की महिला और बाल विकास मंत्री रहीं स्मृति ईरानी ने सोरोस पर पलटवार किया था।

स्मृति ईरानी ने कहा था कि सोरोस भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और पीएम मोदी को निशाना बना रहे हैं…। स्मृति ईरानी ने यह भी कहा था कि भारत को जब भी विदेशी ताकतों से चुनौती मिली है तो उसने उन्हें हमेशा पराजित किया है और भविष्य में भी करता रहेगा।

अडानी ग्रुप ने किया था पलटवार

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार एक गैर-लाभकारी संगठन ‘ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (OCCRP) की ओर से एक रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद अडानी समूह ने दावों को खारिज करते हुए कहा था कि जॉर्ज सोरोस समूह (OCCRP) के वित्तीय समर्थक थे और हिंडनबर्ग के दावों को पुष्ट करने के लिए रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे थे।

साभार सहित


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.