तीन खानदानों ने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक घाटी में नफरत का सामान बेचा: PM मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “वोट बैंक के अलावा इन्हें कुछ नहीं दिखता है इसलिए इन्होंने सालों साल तक जम्मू और कश्मीर के बीच खाई को गहरा किया। जम्मू के साथ हमेशा भेदभाव किया….हमने जम्मू को विकास की नई धारा से जोड़ा है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कांग्रेस तो कुछ वोटों के लिए हमारी आस्था और संस्कृति को कभी भी दाव पर लगा सकती है। कांग्रेस का जो शाही परिवार है उसके वारिस ने विदेश में हाल ही में जाकर कहा कि हमारे देवी-देवता भगवान नहीं हैं…क्या ये हमारे देवी-देवताओं का अपमान नहीं है? ये उनकी सोची-समझी चाल है ये एक नक्सली सोच है.. आज कांग्रेस पर इसी नक्सली सोच का कब्जा हो गया है।

वहीं, शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में PM ने कहा, ‘हमने देश की संसद में कहा है कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिलाएंगे। भाजपा ही इसे पूरा करेगी। इसलिए मेरी आपसे अपील है कि 25 सितंबर को वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए।’

इसके पहले 14 सितंबर को PM मोदी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP और कांग्रेस को लेकर कहा, ‘इन तीन खानदानों ने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक घाटी में नफरत का सामान बेचा है। इनके कारण ही यहां के युवा तरक्की नहीं कर पाए।’

पिछले 6 दिन में PM मोदी का यह दूसरा कश्मीर दौरा है। इससे पहले वे 14 सितंबर को डोडा पहुंचे थे।

कटरा में PM मोदी की दो बड़ी बातें…

1. पाकिस्तान में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की चर्चा PM ने कहा कि पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ने इन दोनों पार्टियों का खुलकर समर्थन किया है। उनका कहना है कि आर्टिकल 370 और 35A को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का जो एजेंडा है, वही एजेंडा पाकिस्तान का है। ये वहां के मंत्री बोल रहे हैं। यानी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान का एजेंडा लागू करना चाहते हैं।

2. कांग्रेस ने हमारी आस्था का अपमान किया कांग्रेस का शाही परिवार भ्रष्टाचार का जन्मदाता है। कांग्रेस के उत्तराधिकारी ने विदेश जाकर कहा कि हमारे ‘देवी-देवता’ भगवान नहीं हैं। यह हमारी आस्था का अपमान है। कांग्रेस को इसके लिए दंड देना चाहिए। कांग्रेस मोहब्बत की दुकान लगाकर नफरत का सामान बेच रही है। यह उसकी नीति है।

शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में PM मोदी की स्पीच की बड़ी बातें…

पहले फेज की रिकॉर्ड वोटिंग पर : चुनाव में पहले फेज में इतनी बड़ी तादाद में वोटिंग हुई। ये खुशी की बात है कि दहशतगर्दी खत्म हुई और चुनाव के लिए लोग इतनी बड़ी तादाद में घर से बाहर निकले। ये नया इतिहास बना है। आपने ये इतिहास रचा है। दुनिया देख रही है कि कैसे जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं।

NC-कांग्रेस और PDP पर : दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक ये लोग बौखलाए हुए हैं। इन्हें लगता है, जैसे-तैसे कुर्सी पर कब्जा जमाना और फिर आपको लूटना, ये इनका पैदायशी हक है। जम्मू-कश्मीर की अवाम को उनके जायज हक से महरूम रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने सिर्फ डर और अराजकता ही दी है। अब कोई इनके शिकंजे में रहने वाला नहीं है।

कश्मीर के युवाओं पर: जिन नौजवानों को आगे नहीं बढ़ने दिया, वे इनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। आज वादी का जो नौजवान 20-25 साल का है, उनमें से कई पढ़ाई-लिखाई से महरूम रह गए हैं। कई ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं-12वीं या कॉलेज तक पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से ज्यादा साल लगे हैं। ये इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस-एनसी और पीडीपी के तीन खानदान फेल हुए हैं।

घाटी में होने वाली पत्थरबाजी पर : इन्होंने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक नफरत का सामान बेचा है। आप वो वक्त याद रखिए, जो स्कूल कॉलेज बच गए, वहां कई-कई सालों तक पढ़ाई नहीं हो पाती थी। ये तीन खानदान उनके हाथों में पत्थर थमा कर खुश रहते थे।

राज्य के लिए BJP की योजनाओं पर: यहां अमन की बहाली के लिए मैं पूरी ईमानदारी से जुटा हूं। यहां स्कूल-कॉलेज आराम से चल रहे हैं, बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं, बल्कि पेन और किताबे हैं, लैपटॉप हैं। आज यहां नए स्कूल, नए कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी बनने की खबरें आ रही हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे पढ़े-लिखें और ज्यादा काबिल बनें, उनके लिए यहीं पर नए मौके बनें।

जम्मू-कश्मीर में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स पर : मैं सिर्फ बीते 5 साल का हिसाब आपको देता हूं। मोदी ने 50 हजार बच्चों का दोबारा स्कूल में दाखिला कराया। यहां 15 हजार स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेस शुरू की गईं, इनमें आज डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। आज यहां करीब 250 स्कूलों को पीएम श्री स्कूल्स में अपग्रेड किया जा रहा है। यहां कई कॉलेज बने हैं।

रोजगार के अवसरों पर : जम्मू-कश्मीर का नौजवान मजबूर नहीं रहा, वो मोदी सरकार में मजबूत हो रहा है। भाजपा ने भी नौजवानों के रोजगार के लिए बड़े ऐलान किए हैं। स्किल डेवलपमेंट हो, बिना धांधली काबिल लोगों को सरकारी नौकरी मिले, ये सारे काम भाजपा यहां पूरे करके दिखाएगी।

पिछले चुनावों पर: यहां के 3 खानदानों ने 80 के दशक में क्या किया था। इन्होंने सियासत को अपनी जागीर समझ रखा था। किसी दूसरे को आगे आने ही नहीं देना चाहते। पंचायत, डीडीसी के इलेक्शन को क्यों रोका इन्होंने। इन्हें लगता था कि नए लोग सियासत में आएंगे, जो इन्हें चैलेंज करेंगे। इसका नतीजा क्या हुआ? नौजवानों में जम्हूरियत से भरोसा कम होता गया।

कैसे इलेक्शन होते थे। शाम 5 बजे के बाद कैंपेन बंद हो जाता था। डोर टु डोर मिलना नहीं होता था। तीनों खानदान इससे खुश थे, आपके हक-हुकूक छीनकर ये लोग मौज में रहते थे। पहले के उन हालात से अलग अब कितना कुछ बदल गया है। अब देर रात कैंपेन होता है। लोग जम्हूरियत को सेलिब्रेट कर रहे हैं, युवा में भरोसा जागा है कि उनका वोटिंग का हक ही बदलाव ला सकता है।

जनता के लोकतंत्र पर बढ़ते भरोसे पर: जम्हूरियत को लेकर यही आस, उम्मीद बड़ी कामयाबी की तरफ ले जाने वाली पहली सीढ़ी है। यहां जो ऐजाज हसन जैसे नौजवान हैं, वे इन खानदानी पार्टियों को चैलेंज कर रहे हैं, जब ये खानदान ऐसे युवाओं को गालियां देते हैं तो साफ होता है कि जमीनी लोकतंत्र से ये तीन खानदान कितने डरे हुए हैं।

घाटी में होने वाले धार्मिक आयोजनों पर: इन तीन खानदानों के राज में हजरतबल, खीर भवानी जैसी पवित्र जगहें भी महफूज नहीं थीं। एक दौर था जब लाल चौक पर आना यहां तिरंगा फहराना जान जोखिम में डालने वाला काम था। अब तस्वीर बदल गई है। 3 दशक के बाद अब यहां मुहर्रम का जुलूस निकल पाया है। ये माहौल, ये काम किसने किया है। ये काम मोदी ने नहीं, ये काम आपने किया है।

राज्य के लिए केंद्र सरकार की कोशिशों पर : कश्मीरियत को सींचने में, उसे आगे बढ़ाने में कश्मीरी पंडितों की भूमिका रही है, लेकिन तीन खानदानों की खुदगर्ज सियासत ने कश्मीरी हिंदुओं को बेघर कर दिया। सिख परिवारों पर जुल्म हुए। ये तीन खानदान, उनके लोग हर जुर्म के भागीदार बने रहे। इन्होंने सिर्फ बंटवारा किया, भाजपा सबको जोड़ रही है। हम दिल और दिल्ली की दूरी मिटा रहे हैं।

कश्मीर में लगने वाले कर्फ्यू पर : 35 साल में 3000 दिन बंद रहा। 35 साल में से 8 साल बंद में गुजर गए। पिछले पांच साल में 8 घंटे भी कश्मीर बंद नहीं रहा। ये आपका क्रेडिट है। क्या आप चाहते हैं कि पुराने दिन फिर लौटें, क्या चाहते हैं कि फिर हड़तालें हों, खून खराबा हो। क्या चाहते हैं कि फिर हमारी बेटियों के, कमजोर तबकों के हक मारे जाएं, स्कूल जलाए जाएं?

मौजूदा चुनावी वादों पर : आज जो कश्मीर में काम हो रहा है, वो पहले भी हो सकते थे। आज जो ईंट-पत्थर आपकी रोड, घर बनाने में लग रहे हैं, उसका इस्तेमाल लोग दूसरी चीजों में करते थे। आज तीनों खानदानों के पास बताने के लिए काम नहीं, सिर्फ नाकामियां हैं। भाजपा गरीब, किसान, नौजवान और महिलाओं, सबके लिए बहुत बड़े इरादों के साथ चुनाव में उतरी है।

सरकार की योजनाओं पर : भाजपा सरकार हर परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला के खाते में हर साल 18 हजार रुपए जमा करेगी। 7 लाख तक मुफ्त इलाज मिलेगा। गरीबों को हजारों घर मिले हैं। सरकार 24 घंटे मुफ्त बिजली देने के लिए काम कर रही है। इसके लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम चल रही है। छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए करीब 80 हजार रुपए हर परिवार को दे रही है।

डोडा में कहा था- एक तरफ तीन खानदान, उनके सामने कश्मीर के नौजवान पीएम मोदी ने डोडा रैली के दौरान परिवारवाद को लेकर कहा- जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव 3 खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच में है। एक तरफ तीन खानदान हैं, दूसरी तरफ सपने लेकर निकल पड़े नौजवान हैं। तीनों खानदान जम्मू-कश्मीर को दशकों तक बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार हैं। इन खानदानों ने यहां करप्शन को बढ़ावा दिया। जमीन कब्जा करने वाले गिरोहों को बढ़ावा दिया। छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए आपको तरसाया गया।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। उन्होंने पाड्डर नागसेनी, किश्तवाड़ और रामबन ​​में जनसभा की। उन्होंने धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए विकास और केंद्र सरकार की योजनाओं का यहां के लोगों को मिले लाभ गिनाए।

शाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन में आतंकवादी पोषित हुआ। ये पार्टियां धारा 370 वापस लाना चाहती हैं। लेकिन बीजेपी के रहते हुए ऐसा कभी नहीं होगा।

शाह ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी ने इस अब्दुल्ला परिवार को देशद्रोही कहा, आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया और उमर अब्दुल्ला के दादा को सालों तक जेल में रखा। आज मोदी जी के सामने जीतने के लिए राहुल और उमर अब्दुल्ला ILU-ILU कर रहे हैं।

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