भारत में कोणार्क सूर्य मंदिर के बारे में सुना होगा। इसे 13वीं शताब्दी में बनवाया गया था कोणार्क में बने सूर्यदेव के इस भव्य और विशाल मंदिर को उनके रथ की तरह बनाया गया है. यह मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है. आलीशान सूर्य मंदिर, यूनेस्को की विश्व धरोहर है. इसके बारे में, नोबेल पुरस्कार विजेता, रबिंद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यह ऐसी जगह है जहां पत्थर की भाषा के सामने इंसान की भाषा बहुत छोटी लगने लगती है.
लेकिन…लेकिन… अब मिस्र में एक प्राचीन मंदिर की खोज हुई है। ये मंदिर 4500 साल पुराना है। मिस्र के पुरातत्वविदों ने इसकी पुष्टि की है। कहा जा रहा है कि ये मिट्टी के ईंट से बनी इमारत मिस्र के पांचवें राजवंश के खोए हुए सूर्य मंदिरों में से एक है। मिस्र का पांचवां राजवंश 2465 से 2323 ईसा पूर्व तक था।
ये मंदिर काहिरा के दक्षिण में अबुसीर में राजा नुसेरे के मंदिर के नीचे मिला है। मिस्र के पुरावशेष और पर्यटन मंत्रालय ने शनिवार को ट्वीट कर इस नई रोमांचक खोज के बारे में घोषणा की। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘अबू सर के उत्तर में अबू घोराब में राजा नुसेरे के मंदिर में काम कर रहे इटालिन और पोलिश पुरातात्विक मिशन को मंदिर के नीचे एक मिट्टी की ईंट से बनी इमारतों के अवशेष मिले हैं।’
पांचवें राजवंश के छठे शासक ने अपना मंदिर बनवाने के लिए फिरौन ने तोड़ा था
मंत्रालय ने आगे कहा, ‘खोज से मिले संकेत बताते हैं कि ये पांचवें राजवंश के खोए हुए चार सूर्य मंदिरों में से एक का हो सकता है। इन मंदिरों के बारे में सिर्फ ऐतिहासिक स्रोतों से जाना जाता है, अभी तक वह मिले नहीं हैं।’ आगे कहा गया कि इमारत का एक हिस्सा पांचवें राजवंश के छठे शासक ने अपना मंदिर बनाने के लिए ध्वस्त कर दिया था।
क्या मिला जमीन के अंदर
खुदाई करने वाली टीम को जमीन के नीचे मिट्टी के बर्तन मिले हैं। ये आगे की रिसर्च में काम आएंगे। पांचवें राजवंश के राजाओं के नाम वाले कुछ स्टांप भी मिले हैं। मंत्रालय ने फोटो शेयर कर बताया कि ये साइट अभी भी काम कर रही है। 19वीं शताब्दी में पहला सूर्य मंदिर खोजा गया था, इसके बाद ऐसी खोज हुई जो बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कहा जाता है कि मिस्र में ऐसे है छह या सात मंदिर थे, जिनमें से अभी तक सिर्फ दो ही मिल सके हैं।
-एजेंसी
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