आंखों का आकर्षण बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी हैं ये नायाब तरीके

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आंखों के जरिए हम केवल दुनिया नहीं देखते बल्कि आंखें हमें हमारी सेहत का हाल भी बताती हैं। सोचिए जरा जब कोल्ड, फीवर या स्ट्रेस से हम तंगहाल होते हैं तो सबसे पहले हमारी आंखों की चमक फीकी पड़ती है। इससे हमारा चेहरा देखते ही हमारे परिवार और दोस्तों को हमारी सेहत का हाल पता चल जाता है।

आइए, जानते हैं उन चीजों के बारे में जो आंखों का आकर्षण बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी हैं।

सबसे पहले कॉर्निया की सेहत

कॉर्निया हमारी आंख का वह जरूरी हिस्सा है, जो हमारी आखों में सामने दिख रही वस्तुओं के प्रतिबिंब बनाने में मदद करता है। इसी से हम किसी वस्तु, व्यक्ति या जगह को पहचान पाते हैं। कॉर्निया को स्वस्थ रखने के लिए और विजन को सही बनाए रखने के लिए हमारी आंखों को विटामिन-A की जरूरत होती है।

ब्लाइंडनेस से बचने के लिए

आंखों के लिए विटामिन-A की जरूरत इसलिए भी होती है ताकि आंसू बनाने वाली नलिकाएं (Tear Ducts) सूखें नहीं। अगर टीयर डक्ट्स सूख जाती हैं तो कॉर्निया सॉफ्ट हो जाता है और इसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। इससे अंधेपन की समस्या हो सकती है।

शिमला मिर्च और कद्दू

अगर भारतीय रसोई में बनने वाले सात्विक भोजन का नियमित सेवन किया जाए तो किसी भी व्यक्ति के शरीर में विटामिन-A की कमी होने की संभावना कम ही रहती है लेकिन अगर आपको नॉनवेज खाना अधिक पसंद है, तब भी अपनी डायट में हरी पत्तेदार सब्जियां, कद्दू और शिमला मिर्च शामिल करें।

विटामिन-B की फैमिली के ये सदस्य

विटामिन-B फैमिली के मुख्य रूप से 3 विटामिन हमारी आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं। इनमें विटामिन B6, B9 और B12 शामिल हैं। इन तीनों विटामिन्स का कॉम्बिनेशन आंखों में होमोसिस्टीन (Homocysteine) को बनने से रोकता है। यह एक हानिकारक अमीनो एसिड है, जो सूजन बढ़ाता है। इससे आंखों में विजन लॉस की दिक्कत हो जाती है।

कॉर्निया को प्रोटीन देने के लिए

हमारी आंखों में कॉर्निया सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता है। इसके सेल्स और स्ट्रक्चर को सही बनाए रखने के लिए हमारी आखों की कोशिकाओं में कोलेजन की जरूरत होती है। कोलेजन एक तरह का प्रोटीन है, जो कॉर्निया और स्क्लेरा (आंख की पुतली का सफेद भाग) का निर्माण करने में मदद करता है।

थाइमीन (Thiamine)

थाइमीन विटामिन- B1 को कहा जाता है। यह मुख्य रूप से दो तरह से काम करता है। पहला-बॉडी सेल्स की कार्यप्रणाली को सही बनाए रखता है और दूसरा, खाने से ऊर्जा का उत्पादन करता है। यह आंखों की मसल्स को स्मूद और एनर्जेटिक रखने का काम करता है। साबुत दालें, मीट और फिश से मिलता है।

राइबोफ्लेविन (Riboflavin)

राइबोफ्लेविन को विटामिन-B2 के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारी बॉडी में ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया को धीमा करता है। राइबोफ्लेविन का सेवन मोतियाबिंद होने से रोकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर शरीर में राइबोफ्लेविन की कमी लंबे समय तक बनी रहती है तो मोतियाबिंद होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसे आप ओट्स, मिल्क से प्राप्त कर सकते हैं।

नियासिन ( Niacin)

नियासिन यानी विटामिन-B3 शरीर के अंदर भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने का काम करता है। साथ ही यह ऐंटिऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नियासिन हमारी आंख में ग्लॉकोमा (glaucoma) नामक बीमारी होने से रोकता है, जिसमें आंख की ऑप्टिक नर्व डैमेज हो जाती है। फलियां और मशरूम इसकी पूर्ति कर सकते हैं।

मोतियाबिंद से बचाव के लिए

पिछले दिनों आंखों से संबंधित एक स्टडी में यह बात सामने आई कि यदि कोई व्यक्ति हर दिन अपनी डेली डायट में करीब 490 मिलीग्राम विटमिन-C का सेवन करता है तो उनमें मोतियाबिंद जैसी समस्या होने की संभावना 75 प्रतिशत तक घट जाती है। जबकि जो लोग 125 ग्राम या इससे कम विटमिन-सी लेते हैं, उनमें मोतियाबिंद होने की संभावना 75 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

आंखों की कोशिकाओं को मजबूत करे

विटामिन-E एक ऐसा पॉवरफुल एंटिऑक्सीडेंट है, जो हमारी स्किन सेल्स को प्रोटेक्ट करता है। इनमें हमारी आंखों की कोशिकाएं भी शामिल हैं। हमारे शरीर में मौजूद मुक्त कण (Free Radicals) जो अस्थिर मॉलेक्यूल्स की तरह काम करते हैं और कई बार आंखों की सेल्स को नुकसान पहुंचा देते हैं।

विटामिन-E से भरपूर खाना

विटामिन ई की प्राप्ति के लिए आपको सूखे मेवे, मूंगफली, सिंघाड़ा, अखरोट, मखाना, एवकाडो, सलमन फिश और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ध्यान रखें कि पर्याप्त पोषक तत्वों के लिए किसी भी एक चीज पर निर्भर ना हों बल्कि सभी तरह के फल सब्जियां अपनी डायट में शामिल करें।

ल्यूटिन और जिजेनथिन

ल्यूटिन (Lutein) और जिजेनथिन (Zeaxanthin) ऐसे कैराटेनॉइड्स (carotenoids) हैं जो हमारी आंखों के मैक्युला और रेटिना में पाए जाते हैं। ये आंखों को हार्मफुल ब्लू लाइट से प्रॉटेक्ट करते हैं। हालांकि इसकी डेली इनटेक डोज और सेफ सप्लिमेंट डोज अभी तक तय नहीं है। ये दोनों तत्व हमें पालक, केल, कोलर्ड ग्रीन्स से प्राप्त होते हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड्स

हमारी आंख के रेटिना में ओमेगा-3 फैटी एसिड DHA की फॉर्म में पाए जाते हैं। ये हमारी आखों में सूजन को रोकता है। जो डायबीटिक रेटिनोपेथी (डायबीटिज के दौरान आंख में होनेवाली बीमारी) होने से रोकता है। साथ ही यह आंखों में आंसुओं के प्रोडक्शन को बढ़ाकर ड्राई आई की समस्या भी दूर करता है। चिया सीड्स, नट्स और कई कुकिंग ऑइल से इसे प्राप्त कर सकते हैं।

-एजेंसियां


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