राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ी तो कोई समस्या नहीं, योगी के बयान पर अयोध्या के संत बोले- यूपी की 27 करोड़ जनता का सौभाग्य है कि ऐसे मुख्यमंत्री मिले

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अयोध्या। अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज सदन में आयोजि एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी तीन पीढ़ियों ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए संघर्ष किया। तब हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं। उन्होंने कहा​ कि अगर राम मंदिर के लिए सत्ता गंवानी भी पड़ी तो कोई समस्या नहीं है। मुख्यमंत्री योगी के इस से चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में आज दीपोत्सव बड़ा फेस्टिवल बन गया है। इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। हमने दीपोत्सव शुरू किया तो अनेक थी चुनौती। ऐसी धारणा थी कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाने से विवाद खड़ा होता है। एक वर्ग ऐसा था जिसने कहा कि आप जाएंगे तो राम मंदिर की बात होगी। हमने कहा सत्ता के लिए कौन आया था? अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ी तो नहीं होनी चाहिए कोई समस्या।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह हमला अपरोक्ष रूप से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर किया है। बता दें मुख्यमंत्री अयोध्या पहुंचे थे। यहां उन्होंने रामलला के दर्शन किये। साथ ही उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी दर्शन पूजन किया।

अयोध्या के संत, बोले- यूपी की 27 करोड़ जनता का सौभाग्य है कि मिले हैं ऐसे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री के बयान के बाद अयोध्या के साधु-संतों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कहा वह सराहनीय है। योगी आदित्यनाथ पहले संत हैं, बाद में मुख्यमंत्री। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्वज तीन पीढ़ियों से राम मंदिर के लिए समर्पित रहे हैं।

योगी जी जब पहली बार आए थे मुख्यमंत्री बनने के बाद तो हम लोगों ने राम मंदिर की चर्चा की थी। तब योगी जी ने कहा था कि अधिकारी बता रहे थे कि आपके जाने से कुर्सी को खतरा होगा। तो सीएम ने कहा राम मंदिर के लिए कुर्सी भी जाए हमें कोई दिक्कत नहीं। राष्ट्रवादी बालसंत दिवाकर आचार्य ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मुख्यमंत्री योगी ने सराहनीय कार्य किया है। उत्तर प्रदेश की 27 करोड़ जनता का सौभाग्य है कि ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं।

साभार सहित