न्यू लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण बदलती जा रही है हमारे चेहरे की बनावट

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वर्तमान लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण हमारा चेहरा धीरे-धीरे संकरा होता जा रहा है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने स्टडी के बाद यह बात सामने आई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हम जैसे-जैसे प्रोसेस्ड फूड खाते जा रहे हैं, हमारा चेहरा सिकुड़ रहा है।

आर्कियोलॉजिस्ट की एक इंटरनेशनल टीम ने ह्मयून फेस का इवॉल्यूशन देखा जो कि 100,000 सालों में धीरे-धीरे पतला होता गया है।

निएंडरथल और मंकीज का माथा उभरा हुआ होता था साथ में उनका चेहरा चौड़ा और दांत बड़े होते थे। हम जब खाना पकाना शुरू किया तो हमारा चेहरा संकरा होना शुरू हो गया, इसका मतलब है कि हमें शक्तिशाली जबड़ों और दांतों की जरूरत कम पड़ने लगी।

यॉर्क और हॉल यूनिवर्सिटीज पुराने अफ्रीकी मानवों के चेहरे से लेकर मॉडर्न चेहरों के बदलावों को देखा। यॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल कहते हैं, ‘इस समय की सॉफ्ट डायट से मानव चेहरे धीरे-धीरे साइज में छोटे होते जा रहे हैं।’ मानव चेहरा कितना बदल सकता है इसकी भी एक लिमिट है। हालांकि सांस लेने के बड़ी नेजल कैविटी की जरूरत होती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव चेहरे का विकास इसलिए भी हुआ ताकि हम अपनी आइब्रोज से ज्यादा से ज्यादा एक्सप्रेशंस दे सकें। हम जैसे-जैसे शिकारी से किसान बनते गए और मक्का व गेहूं उगाने लगे और रोटी खाने लगे वैसे-वैसे हमारा चेहरा सिकुड़ता गया।

प्रोफेसर पॉल बताते हैं, ‘हम जानते हैं कि डायट, सांस लेने की प्रक्रिया और क्लाइमेट के चलते वर्तमान मनुष्यों का चेहरा ऐसा हुआ है, लेकिन इन्हीं के आधार पर विकास की व्याख्या कर देना ज्यादा हो जाएगा।’ हम अपने चेहरे की मसल्स की कॉन्ट्रैक्शन और रिलेक्सेशन के जरिए 20 तरह के इमोशंस जाहिर कर सकते हैं। हमारे पूर्वज मानव ऐसा करने में सक्षम नहीं थे। उनके चेहरे का शेप और मसल्स की पोजिशन अलग थी।

-एजेंसियां


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