CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को फुल कोर्ट मीटिंग में लिए गए बड़े फैसले को सबसे साझा किया। उन्होंने घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट की हर बेंच रोज 10 जमानत याचिकाओं और 10 ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। CJI चंद्रचूड़ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन के 13 हजार मामले पेंडिंग हैं।
मास्टर ऑफ रोस्टर हैं CJI डीवाई चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश ही कोर्ट में सुनवाई के लिए आने वाले मामलों की लिस्टिंग करते हैं। इसलिए उन्हें मास्टर ऑफ रोस्टर कहा जाता है। जस्टिस चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के 50वें CJI हैं। उन्होंने पूर्व CJI यूयू ललित के रिटायरमेंट के बाद 9 नवंबर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पद संभाला है। उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा।
विंटर वेकेशन से पहले सभी ट्रांसफर पिटीशन खत्म करने की स्ट्रेटेजी
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सीजेआई ने कहा कि “फुल कोर्ट मीटिंग के बाद हमने फैसला किया है कि हम हर दिन 10 ट्रांसफर पिटीशन की सुनवाई करेंगे। मौजूदा वक्त में हमारे पास 13 बेंच चल रही हैं। यानी हम रोजाना 130 मामलों और हर हफ्ते करीब 650 मामलों का निपटारा करेंगे। इस तरह विंटर वेकेशन से पहले यानी 5 हफ्तों के बाद सभी ट्रांसफर पिटीशन खत्म हो जाएंगी।”
हर दिन जमानत के 10 केस भी निपटाए जाएंगे
मास्टर ऑफ रोस्टर CJI ने कहा कि “मैंने यह भी निर्देश दिया है कि हम जमानत के मामलों को भी प्राथमिकता देंगे इसलिए 10 ट्रांसफर पिटीशन के बाद हर दिन 10 बेल पिटीशन भी सुनी जाएंगी क्योंकि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है। फिर हम नियमित काम शुरू करेंगे।”
सप्लिमेंट्री बोर्ड का लोड कम करने की कोशिश
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि मीटिंग में मौजूद जजों ने उनसे सप्लिमेंट्री बोर्ड यानी एक्स्ट्रा वर्क लोड नहीं देने की अपील की थी। क्योंकि ये जज सुबह से 12 बजे तक लिस्टेड मामलों को निपटा रहे हैं। इसके बाद भी उनके पास 10 केस और भेजे जाते हैं इसलिए वे पूरक बोर्ड को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
74 दिन में पूर्व CJI यूयू ललित ने निपटाए 10 हजार केस
जस्टिस चंद्रचूड़ के पहले पूर्व जस्टिस यूयू ललित ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन कहा था कि उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत से लेकर 8 नवंबर तक 10,000 से अधिक मामलों को निपटाया है। इसके अलावा उन्होंने 13,000 मामलों को निपटाया है जिनमें काफी समय से कुछ न कुछ खामियां थीं।
सुप्रीम कोर्ट में ग्रीन बेंच भी बनवाई थी
दो महीने पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली और केंद्र सरकार के एक मामले की सुनवाई के दौरान ग्रीन बेंच बनाई थी। उन्होंने केस से जुड़े वकीलों से भी 27 सितंबर को हुई सुनवाई में कोई भी कागजात या फिजिकल डॉक्यूमेंट नहीं लाने को कहा था। वकीलों की मदद के लिए SC के रजिस्ट्री और आईटी सेल के अधिकारियों को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग देने कहा था।
-एजेंसी
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