आगरा। मृतक चांदी कारोबारी नितिन वर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक बेहद चौंकाने वाला ख़ुलासा हुआ है। जांच में यह सामने आया है कि जिस समय नितिन वर्मा का सिर काटकर धड़ से अलग किया गया उस समय नितिन वर्मा जिंदा थे। नवीन के शरीर में कोई गोली नहीं मिली जैसा कि हत्यारोपी टिंकू भार्गव ने कहा था। इतना ही नहीं हत्यारोपी मृतक का धड़ आगरा देहात में और उसका सिर मथुरा में फेंकने वाले थे। आरोपी ने हत्या करने और साक्ष्य छिपाने का पूरा प्लान पहले ही बना रखा था।
गौरतलब है कि बेलनगंज निवासी हत्यारोपी टिंकू भार्गव और अनिल ने मिलकर लोहामंडी तरकारी गली निवासी चांदी कारोबारी नितिन वर्मा को मौत के घाट उतारा था और बड़ी निर्दयता से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था। साक्ष्य छिपाने को टिंकू ने अपने दूसरे दोस्त की गाड़ी का इस्तेमाल किया और उस गाड़ी की नंबर प्लेट भी बदल दी थी। टिंकू कटे सिर को पालीथिन में रख शव को ठिकाने लगाने की योजना बना ही रहा था कि तभी गश्त कर रही पुलिस ने मौके से दोनों को गिरफ़्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी टिंकू ने बताया कि वह नितिन को बुलाकर अपने साथ ले गया था। उसे खूब शराब पिलाई। फिर उसके सिर में गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद धारदार हथियार से उसके सिर को काट दिया जिसे वह ठिकाने लगाने जा रहा था। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक नवीन वर्मा के सिर व शरीर के अन्य किसी हिस्से में किसी भी तरह की कोई गोली नहीं मिली है। जिस समय नवीन का सिर काटकर धड़ से अलग किया गया उस समय वह जिंदा था लेकिन ज्यादा शराब के सेवन से वह विरोध न कर सका।
पुलिस पूछताछ में आरोपी टिंकू भार्गव ने यह भी बताया कि वह कई सालों से नवीन वर्मा के घर जा रहा था। इस दौरान वह नवीन की पत्नी को पसंद कर उससे एकतरफा प्रेम करने लगा। नवीन को शायद इसकी भनक लग गई थी जिसके बाद उसने पत्नी को टिंकू के सामने आने से मना कर दिया था। इसलिए वह नवीन को रास्ते से हटाना चाहता था।
टिंकू ने बताया कि वह एक सप्ताह से नवीन को मारने की योजना बना रहा था। बीते गुरुवार उसे बहाने से मिलने के लिए बुलाया और फिर शराब का सेवन कराने के बाद उसकी हत्या कर दी। इस हत्या को अंजाम देने और साक्ष्य छिपाने के लिए उसने गूगल की मदद ली थी।
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