हिमाचल प्रदेश की तीर्थन घाटी जंहा के पर्वतों की चोटियां कर देती हैं मंत्रमुग्ध

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जिभी देश की राजधानी दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर स्थित है। शिमला से इसकी दूरी लगभग 150 किलोमीटर है। गर्मियों के दिनों में भी जिभी और बाहू का मौसम काफी सुहावना होता है। यहां गर्मियों के दिनों में दोपहर का अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्शियस से ऊपर नहीं जाता है। रात का तापमान 14 डिग्री सेल्शियस के आसपास होता है।

जिभी पहुंचने पर सबसे पहले आप जिभी वॉटरफॉल जा सकते हैं। यह जिभी के मुख्य बाजार से महज 15 मिनट की पैदल दूरी पर स्थित है। यहां दूर से ही आपको झरने की आवाज सुनाई देने लगेगी। जैसे-जैसे आप करीब पहुंचेंगे, यह आवाज तेज होती जाएगी। यहां पहुंचने पर आपकी सारी थकान दूर हो जाएगी। जिभी में और भी कई चीजें हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं।

बालो नाग मंदिर

जिभी से करीब 10 किलोमीटर दूर है बाहू। यहां से आगे बालो नाग मंदिर के लिए एक मोटर मार्ग जाता है। यह कच्चा होने के साथ-साथ पथरीला भी है। दूरी करीब दो किलोमीटर है, लेकिन कार के लायक रास्ता नहीं है। यह दो किलोमीटर का पूरा रास्ता देवदार के जंगल से होकर गुजरता है। आप इससे पैदल ही जा सकते हैं। इसमें थोड़े उतार-चढ़ाव तो होते हैं, लेकिन देवदार प्राकृतिक जंगलों के कारण थकान नहीं होती।

दो किलोमीटर के बाद अंतत: आप पहुंच जाते हैं देवदार के जंगल के बीच स्थित घास के एक खुले मैदान में। और इसी मैदान में है लकड़ी का बना हुआ एक प्राचीन मंदिर- बालो नाग मंदिर। इसके अगल-बगल में दो सराय बनी हैं, जिनका प्रयोग मेलों के समय होता है। और वहीं से देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के बीच से झांकती दिखती हैं महा-हिमालय की चोटियां। इन चोटियों को देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हुए बगैर नहीं रहेगा। यह समुद्र तल से 2300 मीटर ऊपर है और एकदम सामने ये चोटियां दिखती हैं। जीभी और घियागी तो नीचे घाटी में स्थित हैं और वहां से कोई बर्फीली चोटी नहीं दिखती।

साफ मौसम में शायद यहां से कुल्लू की तरफ धौलाधार और पीर पंजाल भी दिख जाते हैं। उधर बायीं तरफ एक नदी है, जो कुल्लू और मंडी जिलों की सीमा बनाती है। नदी के इस तरफ कुल्लू जिला और उस तरफ मंडी जिला है। नदी के उस तरफ यानी मंडी जिले में शैटी धार की 3,100 मीटर ऊंची चोटी है। चोटी के बगल से निकलती हुई है एक सड़क, जो गाड़ागुशैनी को जंजैहली से सीधा जोड़ती है।

Compiled: up18 News