ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अगले आदेश तक जारी रहेगा शिवलिंग का संरक्षण

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बता दें कि इसके पहले ज्ञानवापी की श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन, पूजा पाठ और अन्य मामलों के संरक्षण के लिए 21 अक्टूबर को जिला जज की कोर्ट में हिन्दू पक्ष की ओर से कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग पर सुनवाई हुई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष ने अधिवक्ता आयुक्त की कार्रवाई की मांग पर आपत्ति के लिए समय मांगा था।

जिला जज ने इस पर 100 रुपये का जुर्माना सुनाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 नवंबर की तारीख दे दी थी। वहीं इसके पहले श्रृंगार गौरी मामले में पक्षकार के लिए आए सभी आवेदनों को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

आपको बता दें कि ज्ञानवापी परिसर के लिए राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने याचिका डाली थी। ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज हो गई थी। राखी सिंह सहित पांचो वादी महिलाओं ने अब एक बार फिर से ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की मांग की थी। इन महिलाओं के इस प्रार्थना पत्र को 17 मई को अदालत के सामने रखा गया था।

इन पांचों महिलाओं की दी गई याचिका में कहा गया है कि 16 मई को कमीशन की कार्यवाही के दौरान सर्वे में मिले शिवलिंग को पूरब की ओर दीवार में दरवाजे को ईंट से ढका गया है। वहीं तहखाने में नंदी के सामने ये मलबा रखा गया है और उत्तर दिशा की ओर भी एक दीवार बनाई गई है। इसमें उन्होंने मांग की है कि दीवार व मलबे को हटाकर शिवलिंग की ऊंचाई, लंबाई व चौड़ाई के साथ ही तहखानों में सर्वे की कार्रवाई की जाए।

-एजेंसी


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