नगर के कुछ जन सेवा केंद्र संचालकों की मिली भगत से चल रहा है घोटाले का पूरा खेल
इटावा: जनपद में डूडा विभाग के कर्मचारियों की मन मानी कुछ इस तरीके से सर चढ़ कर बोल रही है कि पात्र व्यक्ति आवास योजना के लिए दर दर भटक रहे है. वही डूडा विभाग के कर्मचारी रिश्वत लेकर अपात्रों को लाभ दे रहे है. जनपद इटावा के अंतर्गत भरथना, बकेवर, लखना में डूडा विभाग के एक कर्मचारी गरीबो को कुछ इस तरीके से सता रहे है कि गरीब खून के आंसू बहाने को मजबूर है.
डूडा के विभाग का एक कर्मचारी जो की पहले गरीब पात्रों को आवास दिलाने का आश्वासन दिलाता है उसके बाद पात्रो को काफी लम्बे समय तक गुमराह करता रहता है. साथ ही डूडा विभाग के कर्मचारी से जब आवास का ल्लाभ लेने के सम्बन्ध में जानकारी की जाती है तो विभाग के कर्मचारी का कहना होता है कि “आवास हम जेब में डालकर नहीं घूम रहे है, जो आवास तुम्हे दे दिया जाए.” इस क्रम में जब कोई आपात्र या कर्मचारी का करीबी व्यक्ति आवास योजना का लाभ लेना चाहता है. तो विभागीय कर्मचारी के द्वारा कुछ धनराशी लेकर थोड़े ही समय में लाभ दे दिया जाता है.
साथ ही जो पात्र व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करते है उन्हें सालो साल विभाग के चक्कर काटने पड़ जाते है, इसके बाद जब आवेदन कर्ता द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई जाती है तो डूडा विभाग का एक कर्मचारी जिसका नाम इन्द्रपाल सिंह है, उक्त कर्मचारी के द्वारा शिकायतकर्ता को कॉल की जाती है और बड़े ही रसूख के साथ कहा जाता है कि वह लखनऊ के सूडा विभाग से एक अधिकारी बोल रहे है साथ ही कहा जाता है कि जाँच ऊपर से आती है जाँच जब आएगी तब देखा जायेगा.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब जनसुनवाई पोर्टल के द्वारा शिकायत के निस्तारण के लिए शिकायत डूडा विभाग इटावा को प्रेषित की गई थी तो फिर लखनऊ से फ़ोन कैसे आया है. जब कॉल आये नंबर की जानकारी की गई तो मालूम हुआ कि यह नंबर डूडा विभाग के कर्मचारी इन्द्रपाल सिंह का है.
आवास योजना घोटाले की कहानी यही ख़तम नहीं होती नगर के कुछ जनसेवा केंद्र संचालक जो की अपने आप को विभाग का ही कर्मचारी बताते है और कहते है कि भरथना में प्रधान मंत्री आवास योजना का जितना भी काम होता है सब हम लोगो के जरिये ही होता है. साथ ही दलालों तथा विभागीय कर्मचारियों के द्वारा पात्र व्यक्तियों से आवास योजना का लाभ लेने के लिए मकान का नक्शा बनबाने हेतु 2000 रूपए की मांग भी की जा रही है. साथ ही आवास योजना की तीसरी और अंतिम क़िस्त आने पर उसमे से कुच्छ धनराशी देने की शर्त पर ही गरीबो को आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है.
जनपद के नगर पंचायत बकेवर और लखना में आलम यह है कि एक पुलिस के सिपाही तथा एक नेता को भी आवास योजना से लाभान्वित कर दिया गया है. विभागीय कर्मचारी की मंशा के अनरूप ही व्यक्तियों को लाभ दिया जा रहा है फिर चाहे वह व्यक्ति पात्र हो या आपात्र, ऐसे ही न जाने कितने आपात्रों से पैसे लेकर उन्हें योजना का लाभ दिया गया है.
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक और जहाँ गरीब आवास योजना का लाभ लेने के लिए दर दर भटक रहा है. वही दूसरी और अपात्रों से कुच्छ धनराशी लेकर योजना से लाभान्वित किया जा रहा है. आखिरकार भर्ष्टाचार का यह खेल कब ख़तम होगा कब तक विभाग के कर्मचारियों के द्वारा सरकारी योजनाओं का सहारा लेकर गरीबो को लूटा जाता रहेगा।
रिपोर्टर- N.k दीक्षित