आगरा की बेटी वसुंधरा ने एसएससी डब्लू टेक (शॉर्ट सर्विस कमीशन वुमेन टेक्नीकल) में ऑल इंडिया प्रथम स्थान प्राप्त कर भारतीय सेना में ऑफिसर पद पर चयनित हुई हैं। सेना में ऑफिसर बनकर उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा किया है तो एसएससी डब्लू टेक में प्रथम स्थान प्राप्त कर आगरा के साथ-साथ अपने संस्थान का नाम पूरे देश में रोशन किया है। वसुंधरा की इस उपलब्धि से परिजनों के साथ आगरा वासियों में खुशी की लहर है। वसुंधरा पत्रकारों से रूबरू हुई और अपने अनुभव को साझा किया।
पिता से मिली प्रेरणा
प्रेस से रूबरू होने के दौरान वसुंधरा सिंह ने बताया कि वो इंजीनियर है लेकिन उनका बचपन से ही सेना में जाने का सपना था। देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा थी और इसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिताजी से मिली। दरअसल वसुन्दरा के पिता ने धौलपुर के मिल्ट्री स्कूल से पढ़ाई की है। उनके कई साथी सेना में अपनी सेवा दे रहे है। इसीलिए वह अपनी बेटी को शुरू से ही सेना में जाने के लिए प्रेरित करते रहे।
संस्थान को भी दिया श्रेय
वसुंधरा ने आगे बताया कि उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत के साथ साथ सही दिशा निर्देश भी हैं। जो उन्हें दयालबाग एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और द सेना अभ्यास एजुकेशन सेंटर से मिले। यह संस्थान आगरा और आसपास के क्षेत्र के कई बच्चों को भारतीय सेना में हर वर्ष चयनित कर भेजता है। इस संस्थान में रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज शर्मा ने उन्हें फीजकली और मेंटली परिपक्व बनाया और पौधे की तरह सींचा।
संस्थान के निर्देशक ने दी जानकारी
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर मनोज शर्मा ने बताया कि वसुंधरा बिना गेप के नियमित तौर पर हर रोज़ घण्टो पढ़ाई के साथ हर रोज पांच किमी दौड़ के साथ शारीरिक व्यायाम करती थी। सोशल मीडिया पर भी वह शिक्षा से जुड़े पेज ब्लॉग एवं चैनल के माध्यम से पढ़ाई किया करती थी। उसी का नतीजा है की आज उनका सपना साकार हुआ है।
ब्रिगेडियर मनोज शर्मा ने वसुंधरा की मेहनत चिंतन और एकाग्रता की तरीफ करते हुए उज्ज्वल भविष्य का शुभाशीष दिया। वहीं अध्ययनरत अन्य छात्रों को एग्जाम क्रेक करने के टिप्स दिए।