कोरोना वायरस की महामारी का समाज के हर एक वर्ग और प्रत्येक क्षेत्र पर व्यापक असर पड़ा है लिहाजा सावधानी के भी नए-नए उपाय बरते जा रहे हैं। इसी दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पौधों का भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है ताकि देश में विदेश से आने वाले पौधों के जरिए कोई नई बीमारी न आ जाए।
जी हां, पौधों का क्वारंटाइन सेंटर। भारत के पहले पौधों के क्वारंटाइन सेंटर को बनाने की योजना पर उत्तराखंड में काम किया जा रहा है। सरकार इसके लिए जमीन की तलाश कर रही है। कुल 20 एकड़ जमीन पर यह सेंटर स्थापित किए जाने की योजना है। इसके लिए टिहरी, नैनीताल, हरिद्वार, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर और देहरादून में उचित जगह तलाशी जा रही है।
इस क्वारंटाइन सेंटर को बनाने के पीछे दूरगामी नजरिया है। दरअसल, कृषि और बागवानी को अनचाही और अनजानी बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने यह क्वारंटाइन सेंटर बनाने का फैसला किया है। विदेशों से आने वाले पौधों को यहां रखा जाएगा और पता लगाया जाएगा कि इनके जरिए कोई ऐसा रोग तो नहीं आया है, जिससे देशी फसल बर्बाद हो जाए।
यह अपनी तरह का विशिष्ट क्वारंटीन सेंटर होगा जिसमें विदेशों से आयातित पौधों को एक निश्चित समयावधि के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। उसके बाद ही किसानों तक यह पौधे पहुंचाए जाएंगे।
-एजेंसी