नई दिल्ली। दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी प्रक्रिया चल रही है, वहीं दूसरी ओर टीसीएस की ओर से कर्मचारियों की छंटनी को लेकर साफ कहा गया है कि कंपनी ले- ऑफ के फेवर में नहीं है, क्योंकि टीसीएस कर्मचारियों के टैलेंट को एक लंबी अवधि के करियर के लिए निखारने पर विश्वास रखती है।
कंपनी के टॉप ऑफिशियल का कहना है कि कंपनी की ओर से कहा गया है कि वे कर्मचारी जो एक बड़ी टेक कंपनी का हिस्सा थे और वर्तमान में अपनी नौकरी खो चुके हैं, उन्हें भी जॉब का अवसर दिया जाएगा।
पहले की तरह कर्मचारियों के लिए अनाउंस होंगे सैलरी हाइक
कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसॉर्सेस ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कई बातें साफ कीं। कर्मचारियों की छंटनी पर मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि कंपनी कर्मचारी द्वारा जॉब जॉइन करने के बाद उसे अपनी जिम्मेदारी समझती है। कंपनी का उद्देश्य कर्मचारियों की छंटनी के बजाय उनके टैलेंट को निखारना है।
यही नहीं, कर्मचारी की किसी कमी पर उन्हें ट्रेनिंग देने पर विश्वास रखती है। मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी टीसीएस बीते सालों की तरह ही इस साल भी कर्मचारियों के लिए सैलरी हाइक अनाउंस करेगी।
अमेरिकन की जगह भारतीयों को मिलेंगे जॉब ऑफर
मिलिंद लक्कड़ ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि, वर्तमान में कंपनी के साथ 70 फीसदी यूएस कर्मचारियों में अमेरिकन शामिल हैं। हालांकि, भविष्य में यह केवल 50 फीसदी रह जाएगा। इसकी जगह कंपनी भारत में जॉब के अवसर लाना चाहती है।
टीसीएस बनेगी भारतीयों का सहारा
कंपनी की ओर से कहा गया है कि टीसीएस यूएस में भारतीयों को जॉब देने के लिए भी आगे आएगी। यह जॉब ऑफर ऐसे भारतीयों के लिए होंगे, जो यूएस में किसी बड़ी टेक कंपनी की छंटनी प्रक्रिया में शामिल रहे थे और विजा कंडीशन की वजह से भारत लौटने को मजबूर हो गए हैं।
– एजेंसी