नई दिल्ली। राफेल सौदा सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत में एक बार फिर पहुंचा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे में हुई गड़बड़ी की दोबारा नए तरीके से सुनवाई की मांग वाली याचिका दाखिल की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए राफेल मामले में दोबारा जांच कराने वाली याचिका रद्द कर दी है। याचिका में उस रिपोर्ट को आधार बनाकर दोबारा जांच कराने की मांग की गई थी, जिसमें फ्रांस के कुछ न्यूज़ पोर्टल पर इस मामले में दसॉल्ट एविएशन की ओर से भारतीय बिचौलिए को घूस देने का दावा किया जा रहा है।
किसने दाखिल की थी राफेल डील पर दोबार सुनवाई की याचिका?
राफेल सौदे को लेकर दोबारा सुनवाई मांग वाली याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल शर्मा की ओर से दाखिल की गई थी। ये याचिका फ्रांस की न्यूज़ वेबसाइट पर प्रकाशित कुछ रिपोर्ट के आधार पर दोबारा जांच की मांग की थी।
न्यूज़ पोर्टल ने दावा किया था कि राफेल सौदे में दसॉल्ट एविएशन ने भारतीय बिचौलिए को मोटी रकम दी थी। हालांकि इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए कहा कि इस मामले में पर्याप्त बहस हो चुकी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षा वाली बेंच ने अधिवक्ता एमएल शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। सीजेआई ने कहा कि ‘न्यायालय की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप के लिए कोई मामला नहीं बनता है।’
क्या बोले याचिकाकर्ता?
वहीं दोबारा जांच की मांग को लेकर वकील ने अपना पक्ष रखा। वकील शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब हर व्यक्ति खुद को असहाय महसूस करेगा।
वकील शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कोई सामने नहीं आया। ना ही किसी ने इस पर सवाल उठाया।
वहीं सीजेआई यूयू ललित ने साफ तौर पर कहा कि हमने पहले ही आदेश पारित कर दिया है। अब इस मामले पर दोबारा सुनवाई की जरूरत नहीं।
-एजेंसी