नई दिल्ली। शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को जारी रखने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अब कर्नाटक सरकार और कई अन्य से जवाब मांगा है.
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अगुवाई वाली दो जजों की पीठ ने हिजाब पर रोक बरकरार रखने वाले फ़ैसले के 167 दिनों बाद इसके ख़िलाफ़ दायर कई अर्ज़ियों पर सोमवार को सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान कुछ याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से मामले को टालने की अपील की. इस पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, “पहले आप तुरंत सुनवाई चाहते थे और अब आप इसे टालना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.”
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई पाँच सितंबर तक टाल दी है.
इसी साल 15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की ओर से दायर याचिका को ख़ारिज करते हुए हिजाब को इस्लाम का ग़ैर-ज़रूरी हिस्सा बताया था. इन छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश से रोका गया था, जिसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने अदालत का रुख़ किया था.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्कूल यूनिफॉर्म को ज़रूरी बताया और कहा कि छात्र इस पर आपत्ति नहीं कर सकते.
इस साल की शुरुआत में कर्नाटक के उडुपी में प्री यूनिवर्सिटी गवर्नमेंट कॉलेज से हिजाब विवाद शुरू हुआ था. इसके बाद राज्य के कई कॉलेजों में इसका असर हुआ और कई जगह हिंसक झड़पें भी देखने को मिलीं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहने देने जाने की मांग की गई थी
-एजेंसी
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