अडाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति ने सेबी को क्लीन चिट देते हुए कहा कि शेयर की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों की जांच में नियामकीय स्तर पर असफलता का निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है।
अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह के बारे में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इस समिति का गठन किया था। समिति ने समूह की संबंधित इकाइयों के बीच लेनदेन के खुलासे के संबंध में भी यह बात कही।
समिति के मुताबिक सेबी ने 13 ऐसे संदिग्ध ट्रांजैक्शन की पहचान की है और इसकी जांच में ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है इस ट्रांजैक्शन में किसी प्रकार की धोखाधड़ी तो नहीं की गई है। सेबी इस बारे में जानकारियां जुटा रहा है और तय समय सीमा के भीतर जांच को पूरा कर लिया जाना चाहिए।
विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी को जब हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट पेश की, उसके बाद भारतीय शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आया।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर ‘शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हालांकि समूह ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया है।
Compiled: up18 News