सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में ऑल इंडिया फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन का संचालन करने वाली प्रशासकीय समिति (सीओए) को भंग कर दिया है और चुनाव भी एक सप्ताह के लिए टाल दिए हैं.
शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि सीओए को भंग करने का आदेश इसलिए दिया जा रहा है ताकि अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबॉल संघ FIFA की ओर से AIFF पर लगा प्रतिबंध वापस ले लिया जाए.
फ़ीफ़ा के प्रतिबंध की वजह से भारत से अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेज़बानी छिनने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय इवेंट में भारत के प्रतिनिधित्व पर भी रोक लग गई थी.
बीते सप्ताह बाहरी दख़ल का हवाला देते हुए भारतीय फ़ुटबॉल संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने AIFF संचालित करने के लिए तीन सदस्यीय प्रशासकीय समिति नियुक्त की थी. लेकिन इसे फ़ीफ़ा की गाइडलाइंस के अनुसार हस्तक्षेप माना गया. इसकी वजह से फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल संघ पर प्रतिबंध लगाया.
भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ के लिए चुनाव 28 अगस्त को होने थे. हालाँकि, अब इसे एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया है.
इससे पहले सोमवार को पूर्व भारतीय फ़ुटबॉल ख़िलाड़ी बाइचुंग भूटिया ने ऑल इंडिया फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन में सुधारों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
भारतीय फ़ुटबॉल टीम के कप्तान रहे बाइचुंग भूटिया की मांग थी कि सीओए (सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति) की ओर से दिए गए संविधान के मसौदे को भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ के नए संविधान के रूप में अपनाया जाए.
बाइचुंग भूटिया ने कहा कि यह प्राथमिकता है और खिलाड़ियों के कल्याण को बढ़ावा देता है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल संघ फ़ीफ़ा की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों या अन्य किसी वजह से ये ज़रूरी सुधार टाले नहीं जा सकते.
उन्होंने याचिका में कहा है कि मौजूदा व्यवस्था को वापस लागू करने का मतलब है कि कुछ लोगों का एआईएफ़एफ़ पर अगले चार सालों के लिए कब्ज़ा हो जाएगा, जो ख़ेल के लिए नुक़सानदेह है.
बाइचुंग भूटिया ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के आगामी चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है.
-एजेंसी
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