केंद्र की कड़ी चेतावनी, सरोगेट विज्ञापन किए तो होगी सख्‍त कार्रवाई

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मंत्रालय को शराब और गुटखा उत्पादों से जुड़े सरोगेट विज्ञापनों की कई शिकायतें मिल रही थीं जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि कैसे हाल ही में विश्व स्तर पर प्रसारित होने वाले खेल आयोजनों के दौरान भी सरोगेट विज्ञापनों के कई उदाहरण देखे गए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मादक पेय पदार्थों के सीधे विज्ञापन के भी उदाहरण हैं। मंत्रालय की ओर से सीधी कार्रवाई से पहले उन्हें सावधान किया है। नियमों का पालन नहीं करने पर विज्ञापन देने वाली कंपनियों और मशहूर हस्तियों सहित ऐसे विज्ञापनों में शामिल कोई भी व्यक्ति कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।

मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक निर्णय का उल्लेख किया गया है। जिसमें एक टीवी चैनल को सरोगेट विज्ञापन प्रसारित करने और विज्ञापन संहिता का उल्लंघन करने के चलते दो दिनों में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच हर घंटे 10 सेकेंड माफी चलाने का निर्देश दिया गया था।

क्या होता है सरोगेट विज्ञापन

कई कंपनियां किसी मादक पदार्थ का सीधे तौर पर प्रचार न करके अप्रत्यक्ष तौर पर प्रचार करती हैं। जैसे अल्कोहल के विज्ञापन के लिए म्यूजिक, सोडा और पैक्ड पानी का सहारा लिया जाता है। वहीं गुटखा और तंबाकू का प्रचार सौंफ और इलायची के जरिए प्रचारित किया जाता है।

-एजेंसी


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