कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वाराणसी के ज्ञानवापी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद होना चाहिए। वह शिवमंदिर है इसलिए उसे मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए। बाबा बागेश्वर ने कहा कि ज्ञानवापी जब एक शिवमंदिर है इसलिए उसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाना बंद होना चाहिए। हम सनातनी सबको साथ लेकर चलने वाले हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नूंह जैसी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद कीजिए… वह शिव मंदिर है। देश का दुर्भाग्य है कि नूंह जैसी घटना हुई है। देश के हिंदुओं को ऐसा दिन देखना पड़ रहा है।’
बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में सोमवार को लगातार चौथे दिन भी ASI ने करीब 4 घंटे तक सर्वे किया गया। सोमवार को सावन का सोमवार होने के चलते ASI की टीम ने कुछ ही घंटे बाद सर्वे का काम किया। इससे पहले रविवार को टीम का फोकस मस्जिद के तीन गुंबदों और उसके नीचे स्थित मुख्य हॉल पर रहा। टेंपल आर्किटेक्ट की संरचना की हर पहलू से जांच के लिए मैपिंग भी की गई। इसके जरिए ASI मंदिर और मस्जिद के स्थापत्य का अध्ययन करेगा।
शनिवार को जिस तहखाने में सर्वे हुआ था वहां कई मशीनें लगाकर जांच की गई। उन मशीनों से भी जांच की गई जो ध्वस्त प्राचीन इमारतों की मलबे के ऊपर से बेहद सटीक मापी करने में सक्षम है। सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष के दावों और बयानों पर मुस्लिम पक्ष की कड़ी आपत्ति का असर देखने को मिला। हिंदू पक्ष के वकीलों ने बस इतना कहा कि सर्वे वैज्ञानिक ढंग से सुचारू रूप से चल रहा है।
Compiled: up18 News
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