आगरा/मथुरा। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य इस बार अपने बिगड़े बोल की वजह से बुरी तरह घिर गए हैं। एक सार्वजनिक प्रवचन में उन्होंने लड़कियों की शादी की उम्र, चरित्र और वैवाहिक जीवन पर जो बेहूदा टिप्पणियां कीं, उसने बवाल खड़ा कर दिया है। वीडियो में कथावाचक ने कहा कि ‘25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है, उसकी जवानी तो कहीं न कहीं फिसल ही जाएगी, ऐसे बयानों ने सोशल मीडिया पर भी गुस्सा भड़का दिया है। कथावाचक के इस अशोभनीय, अपमानजनक और महिला-विरोधी बयान पर अब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग स्वतः संज्ञान लेकर कथावाचक को नोटिस जारी करने जा रहा है। मथुरा में भी अनिरुद्धाचार्य का भारी विरोध हो रहा है।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वे कथा के दौरान कहते सुने जा रहे हैं- चूंकि अब 25 साल की लड़कियां लाते हैं। 25 साल की लड़की चार जगह इधर-उधर मुंह मार चुकी होती है। सब नहीं तो कुछ। और वो 25 साल की जवान होकर आएगी, तो स्वाभाविक है कि वो अपनी जवानी कहीं न कहीं तो… उसकी जवानी फिसल जाएगी। जैसा कि अभी एक लड़की अपने पति के साथ हनीमून मनाने गई, जिसका किसी और लड़के के साथ चक्कर था। लड़कियों की शादी की उम्र 16 कर देनी चाहिए। ऐसी लड़कियां जो लिव इन में रहती हैं, किसी घर में जाएंगी तो क्या वो रिश्ता निभा पाएंगी?’
अनिरुद्धाचार्य ने दी सफाई
वायरल वीडियो को लेकर बवाल मचा तो अनिरुद्धाचार्य ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा- ‘सूचना मिली है कि हमारी कुछ बहनें नाराज हैं। जिस वीडियो में कहा गया कि 25 साल की लड़की…,देखो बात क्या कही जाती है और क्या कर दिया जाता है। उन्होंने कहा था कि कुछ लड़कियां… कुछ लड़कियां जो 25 साल की होकर दो-चार जगह मुंह मारकर किसी के भी घर जाएंगी, तो क्या वे रिश्ते को निभा पाएंगी? इसलिए लड़की हो या लड़का, दोनों को पहले तो चरित्रवान होना चाहिए। मैंने कहा था कि कुछ लड़कियां और कुछ लोग ऐसे हैं, लेकिन वीडियो से कुछ शब्द हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि राजा रघुवंशी को उसकी पत्नी ने मार दिया, वो भी 25 साल की है।‘
हालांकि अनिरुद्धाचार्य की इस सफाई के बाद भी लोगों का आक्रोश शांत नहीं हो रहा। महिलाओं की ओर से तो देश भर में उनका विरोध हो रहा है।
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा-कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य द्वारा महिलाओं को लेकर दिया गया बयान बहुत ही घटिया और गंदा है। एक कथावाचक को यह शोभा नहीं देता है जबकि कथाओं में 80 फीसदी महिलाएं ही शामिल होती हैं। ऐसे में महिलाओं को लेकर इस तरह के बयान किसी भी कथाचार्य को शोभा नहीं देते हैं। हालांकि उन्होंने यह बयान किस परिप्रेक्ष्य में दिया था, यह तो नहीं पता पर महिला आयोग ने उनके बयान को स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस देने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य ने भी अनिरुद्धाचार्य की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एक कथावाचक से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वह महिलाओं के खिलाफ इस तरह की शर्मनाक और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करे। यह समाज में स्त्रियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बयान है, जिस पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
वीडियो के वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अनिरुद्धाचार्य को जमकर घेरा गया। कई सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने ऐसे प्रवचनकर्ताओं को मंच न देने की मांग की है। लोगों का कहना है कि ऐसे व्यक्ति समाज में विष घोलने का काम कर रहे हैं और धार्मिकता की आड़ में स्त्रियों का अपमान कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता चौहान के सख्त तेवर के बाद अब इस मामले में विधिक प्रक्रिया आगे बढ़ना तय है। आयोग की ओर से नोटिस मिलने के बाद अनिरुद्धाचार्य को आयोग के समक्ष पेश होना पड़ेगा।
श्री दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं सेवायत महंत कान्तानाथ चतुर्वेदी ने अनिरुद्धाचार्य द्वारा अविवाहित कन्याओं पर की गई टिप्पणी को नारीशक्ति का अपमान बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में कन्या, देवी और मातृशक्ति स्वरूपों में नारी का पूजन होता है। प्रचार की होड़ में इस तरह की मनगढ़ंत बातें करना न केवल व्यासपीठ का अपमान है, बल्कि मथुरा की कथावाचकों की परंपरा का भी अपमान है।
शुक्रवार को मथुरा कचहरी परिसर में बार एसोसिएशन ने महिला वकीलों के नेतृत्व में अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। गेट नंबर 2 के सामने उनका पुतला जलाया गया। इससे पहले बार एसोसिएशन ऑफिस से नारेबाजी करते हुए वकीलों का जुलूस निकला।
मथुरा बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तय किया गया कि अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में धारा 156(3) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा, जिसका संपूर्ण खर्च एसोसिएशन उठाएगा। प्रदर्शन के दौरान महिला एडवोकेट प्रियदर्शिनी मिश्रा ने कहा कि महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले ऐसे कथित प्रवचकों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।