कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर मंगलवार तक रोक, लेकिन FIR रद्द करने से इंकार

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक पवन खेड़ा रेगुलर बेल के लिए अप्लाई करते हैं तब तक उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। उन्हें मंगलवार तक गिरफ्तारी से राहत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट से आग्रह किया है कि पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीनों FIRs पर सुनवाई एक ही जगह होगी। इन आरोपों पर 3 साल और 5 साल की सजा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हम FIR रद्द करने का आदेश नहीं दे सकते हैं।

पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीनों FIR पर सुनवाई कहां की जाएगी, इस पर अभी फैसला नहीं आया है। पवन खेड़ा के खिलाफ असम और यूपी के लखनऊ और वाराणसी में एफआईआर दर्ज हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब इन तीनों एफआईआर की सुनवाई एक ही जगह होगी।

एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए पवन खेड़ा

इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा की दिल्ली एयरपोर्ट पर अचानक गिरफ्तारी पर सियासी हंगामा शुरू हो गया। पवन खेड़ा को जिस समय गिरफ्तार किया गया उस समय वह पार्टी के अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जा रहे थे। यह अधिवेशन 24 से 26 फरवरी तक होगा। गिरफ्तारी के ठीक बाद पवन खेड़ा ने मीडिया से कहा, “हम देखेंगे कि किस केस में वे हमें ले जा रहे हैं। यह एक लंबी लड़ाई है और हम लड़ने के लिए तैयार हैं।”

पार्टी ने कहा, आवाज दबाने का यह अलोकतांत्रिक प्रयास है

पवन खेड़ा को असम पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से पहले असम की पुलिस ने दिल्ली पुलिस से सहयोग करने का अनुरोध किया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद पार्टी नेता एयरपोर्ट पर फ्लाइट के नीचे धरने पर बैठ गये। उनका कहना था कि यह कार्रवाई सरकार की तानाशाही और हमारी आवाज दबाने का गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक प्रयास है।

Compiled: up18 News


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