Agra News: लेडी लॉयल की खराब व्यवस्थाओं पर राज्य महिला आयोग ने जताई नाराजगी, टूटे हुए हैं टॉयलेट के दरवाजे, काम नहीं कर रहे लिफ्ट व कूलर, दो महीने में भी नहीं किया सुधार

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आगरा। भीषण गर्मी और खराब व्यवस्थाओं के बीच मरीज बेहाल हैं और अस्पताल प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान ने जब अचानक लेडी लायल अस्पताल का निरीक्षण किया तो खामियों की लंबी फेहरिस्त सामने आई। इसौ दौरान उन्होंने अपनी ओर से लेडी लायल अस्पताल में चार कूलर लगवाने की घोषणा भी की।

डॉ. बबिता सिंह चौहान को निरीक्षण के दौरान वार्डों में कूलर काम करते नहीं मिले। एक कूलर तो ऐसा मिला, जो सिर्फ शोपीस था। पानी की मोटर तक नहीं जुड़ी थी। अस्पताल परिसर में टॉयलेट के दरवाजे टूटे मिले और लिफ्ट भी खराब पड़ी थी।

डॉ. चौहान ने सीएमएस डॉ. रचना गुप्ता से इन सारी अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई और पूछा कि उन्हें दो महीने पहले भी यही खामियां मिली थीं। दो महीने बाद भी हालात जस के तस हैं। क्या आपको अब तक इन्हें सुधारने का मौका नहीं मिला?

महिला मरीजों ने शिकायत की कि डॉक्टर राउंड पर नहीं आतीं। डॉ. बबीता सिंह चौहान ने महिला मरीजों से खास तौर पर यह जानकारी ली कि क्या बच्चे के जन्म के समय पर स्टाफ की ओर से पैसे की मांग की जाती है। तीमारदारों ने अस्पताल परिसर में बंदरों की समस्या भी सामने रखी।

डॉ. चौहान ने अस्पताल प्रबंधन को चेतावनी दी कि मरीजों की सेहत और सुविधाओं से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जल्द से जल्द व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. बबिता सिंह चौहान ने कहा कि मुझे अस्पताल में कुछ भी ठीक नहीं मिला। मैंने अस्पताल प्रबंधन से कहा है कि आप मुझे बताइए कि कितने एसी और कूलर लगने हैं अथवा पानी का प्रबंध करना है। मैं ये काम कराउंगी सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से। लेकिन ये लोग न तो खुद कुछ करना चाहते हैं और न ही करने देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं दो महीने पहले जब निरीक्षण करने आई थी, तभी अस्पताल प्रबंधन से कहा था कि गर्मियां आ रही हं, कूलर, एसी और वाटर कूलर दुरुस्त करा लें। आप पर न हो पा रहा हो तो मुझे बताएं, लेकिन दो महीने बाद भी स्थिति जस की तस मिली है।

अस्पताल प्रबंधन से बातचीत के दौरान डॉ. बबीता सिंह चौहान को बताया कि अस्पताल में चार कूलरों की आवश्यकता है। डॉ. चौहान ने ये चार कूलर अपनी ओर से जल्द भिजवाने का वायदा किया।

डॉ. बबीता ने कहा कि मुझे यहां आकर यह भी शिकायत मिली कि स्टाफ द्वारा लड़की पैदा होने पर 1100 रुपये और लड़का पैदा होने पर 2100 रुपये लिये जाते हैं। यह सुनकर बहुत दुख हुआ।

उन्होंने कहा कि मुझे दो महीने बाद ही फिर से लेडी लायल का निरीक्षण करने इसलिए आना पड़ा क्योंकि लोगों के फोन मेरे पास आ रहे थे कि आप सारे यूपी में निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करा रही हैं, अपने शहर के महिला अस्पताल को भी देख लें, जहां बहुत सारी अव्यवस्थाएं हैं।