सेंट जॉन्स: Save Soil- कैरेबियाई देशों ने किया मिट्टी बचाओ अभियान का समर्थन

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सेंट जॉन्स। चार कैरिबियाई देशों की सरकारों के अध्यक्ष और स्वास्थ्य, कृषि और पर्यावरण मंत्री एक ऐतिहासिक पल में एकजुट हुए, और उन्होंने कॉन्शियस प्लैनेट के संस्थापक और ग्लोबल लीडर सद्‌गुरु जग्‍गी वासुदेव के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके मिट्टी बचाओ अभियान का समर्थन किया।

ट्रिनबेगोनियन गायक और “किंग ऑफ़ सोका” मैकेल मोंटानो ने इस अभियान के प्रति कैरेबियाई लीडर्स को प्रेरित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि वे अपने संगीत का एक मंच के रूप में उपयोग करके “मिट्टी को बचाने का यह महत्वपूर्ण संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएंगे”। अपना मज़बूत कमिटमेंट सभी के साथ साझा करते हुए, उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत की।

एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री, माननीय गैस्टन ब्राउन ने इस पहल में भाग लेते हुए कहा कि वे मिट्टी बचाओ अभियान का समर्थन करते हैं, और उन्हें कॉन्शियस प्लैनेट के साथ इस समझौता ज्ञापन (एमओयु) पर हस्ताक्षर करते हुए ख़ुशी है। मिट्टी की क्वालिटी ख़राब होने से मिट्टी का विनाश हो जाने की संभावना है – यह धरती के लिए एक ज़बरदस्त खतरा है। 30 साल पहले, जब जलवायु के बदलाव को एक महत्वपूर्ण खतरे के रूप में पहचाना गया था, तब कैरिबियन के ये छोटे द्वीप ही वे देश थे, जो इस लड़ाई में सबसे आगे थे। आज हमें इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए कि 30 से ज़्यादा साल बाद, आज भी ये छोटे कैरेबियाई द्वीप ही मिट्टी के विनाश को रोकने की इस प्रक्रिया में मदद कर रहे हैं।

मिट्टी को रेत बनने से रोकने के लिए बनाए गए संयुक्त राष्ट्र संगठन (युएनसीसीडी) ने  भविष्यवाणी की है कि अगर इसी तेज़ी के साथ मिट्टी की क्वालिटी ख़राब होती रही, तो मिट्टी का विनाश एक सच्चाई बन सकता है। इसके अलावा, एफएओ का अनुमान है कि अगले 60 वर्षों में दुनिया की सारी ऊपरी मिट्टी का विनाश हो सकता है। 2045 तक, भोजन का उत्पादन 40% तक गिर सकता है, और जनसंख्या 930 करोड़ को पार कर जाएगी। मिट्टी के विनाश से दुनिया भर में भयंकर संकट पैदा हो सकते हैं, जिसमें भोजन और पानी की कमी, सूखा और अकाल, नुकसानदायक जलवायु बदलाव, बड़े पैमाने पर लोगों का दूसरी जगहों पर पलायन, और पशु-पक्षियों की प्रजातियों का ज़बरदस्त तेज़ी से विनाश होना शामिल है।

प्रधानमंत्री ब्राउन ने डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूज़वेल्ट स्केरिट, सेंट लूसिया के प्रधानमंत्री फिलिप जे.पियरे, और सेंट किट्स और नेविस के प्रधानमंत्री टिमोथी हैरिस सहित कैरेबियाई क्षेत्र के दूसरे लीडर्स का समर्थन प्राप्त किया। वहाँ की सरकारों के चारों प्रमुख लीडर्स ने मिट्टी के लिए मददगार नीतियों को स्थापित करने का स्पष्ट कमिटमेंट दिखाया। उन्होंने गहरे भाव व्यक्त करते हुए बताया कि दुनिया की मिट्टी को फिर से जीवंत करने के लिए ठोस कार्रवाई ज़रूरी है।

सेंट किट्स एंड नेविस के प्रधानमंत्री, टिमोथी हैरिस ने “कैरिबियन क्षेत्र में इस पहल के आने पर” अपनी ख़ुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पहल धरती के हर प्राणी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

डोमिनिका के प्रधान मंत्री, रूज़वेल्ट स्केरिट ने मिट्टी बचाओ पहल के लिए अपना “पूर्ण समर्थन” साझा किया। उन्होंने कहा कि खेती से ही पूरे समाज को भोजन मिलता है, और हमें ये स्वीकार करना होगा कि मिट्टी वाकई पृथ्वी का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।

सेंट लूसिया के प्रधानमंत्री, फिलिप जे.पियरे ने बताया कि उनका देश एक ऐसी स्थिति में है, जहां उनके लिए खेती को फिर से जीवंत बनाना ज़रूरी है, और ये पहल उनके लिए बहुत मददगार होगी। उनके साथ उनके देश के कृषि मंत्री, अल्फ्रेड पी.प्रोस्पेर भी मौजूद थे।

सद्‌गुरु ने ज़ोर देते हुए कहा कि “ये छोटे राष्ट्र, समुद्र के ये मोती, एक बदलाव ला सकते हैं, और उस बदलाव को सभी के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं” – जिससे यह साबित हो जाएगा कि हर देश अपनी मिट्टी को बचा सकता है, और उसे बचाना भी चाहिए, क्योंकि ये भविष्य की पीढ़ियों के लिए ज़रूरी है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि “जो चीज़ हमारे जीवन को पोषित करती है, उससे हमारा संबंध टूट गया है। मिट्टी को एक ऐसे बेजान पदार्थ के रूप में देखना, जिससे भोजन निकाला जा सकता है – यह तरीका पूरी तरह से गलत है। मिट्टी जीवित है। ये सबसे महत्वपूर्ण संदेश है जिसे हमें युवा पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना होगा : मिट्टी एक जीवित इकाई है।”

 

इस कार्यक्रम में सरकारों के अध्यक्षों के साथ एंटीगुआ और बारबुडा के स्वास्थ्य, पर्यावरण और कल्याण मंत्री, सर मोल्विन जोसेफ और कृषि, मछली पालन और बारबुडा मामलों के मंत्री, समान्था मार्शल भी शामिल थे। विशेष आर्थिक दूत और ग्लोबल सिटिजन फोरम के संस्थापक, श्री. आर्मंड आर्टन को इस पहल को कैरेबियाई नेताओं तक पहुंचाने में सहायता करने के लिए विशेष धन्यवाद  दिया गया। मिस्टर आर्टन भी ज़ूम के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

अलग-अलग क्षेत्रों के अक्षांश (लैटीट्यूड), जलवायु, आर्थिक स्थिति और पारंपरिक खेती की पद्धतियों पर विचार करने के बाद, दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों से मदद लेकर यह ज्ञापन (मेमोरेंडम) तैयार किया गया है। सद्‌गुरु ने “सॉयल रिवाइटलाइज़ेशन – ग्लोबल पॉलिसी ड्राफ्ट एंड सॉल्यूशंस हैंडबुक” शीर्षक वाली एक  संकल्प पुस्तिका प्रस्तुत की। कैरेबियाई राष्ट्राध्यक्षों ने इस संकल्प-पुस्तिका को, मिट्टी की सेहत को सुधारने के लिए ज़रूरी और सभी को एकजुट करने वाली पहल के रूप में स्वीकार किया।

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