बिहार में पटना पुलिस के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने RSS पर टिप्पणी के मामले में स्पष्टीकरण दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ पटना के एसएसपी ने कहा कि उन्होंने वही कहा, जो दस्तावेज़ में लिखा गया था और जो अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान कहा था.
उन्होंने बताया कि जब अभियुक्तों से उनके काम करने की शैली के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे अन्य संगठनों की तरह शारीरिक स्वास्थ्य के नाम पर ट्रेनिंग देते हैं. एक दिन पहले गुरुवार को पटना में संदिग्ध चरमपंथियों की गिरफ़्तारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के बयान पर विवाद छिड़ गया.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान उन्होंने कहा था- कटुता की तरफ़ जिसे हम अंग्रेज़ी में रेडिक्लाइजेशन बोलते हैं, उसके लिए ये लगातार कार्यशील थे. इसका जो मॉडस था कि ये लोग जैसे शाखा होती है, आरएसएस शाखा आर्गेनाइज़ करती है और लाठी की ट्रेनिंग देती है, उसी तरह ये लोग शारीरिक प्रशिक्षण, फिज़िकल एजुकेशन के नाम से अपने यूथ को बुलाकर प्रशिक्षण दे रहे थे और जो अपना एजेंडा है और प्रोपेगैंडा है, उनके माध्यम से यूथ को ब्रेनवॉश करने का काम कर रहे थे
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पटना एसएसपी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि आरएसएस का मतलब राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र कल्याण है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा- RSS मतलब राष्ट्र प्रेम. RSS मतलब राष्ट्र कल्याण. RSS मतलब देश सेवा. RSS मतलब जनकल्याण. RSS मतलब मानवता और सौहार्द्र. RSS मतलब संविधान के हिमायती. देश और दुनिया का हर समझदार व्यक्ति इस बात को जानता है, सिवाय कुछ “एजेंडावादियों और तुष्टिकरण” के पैरोकारों के.
दरअसल, बिहार पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने पटना के फुलवारीशरीफ़ इलाक़े से दो संदिग्ध चरमपंथियों को गिरफ़्तार किया है. पटना पुलिस के मुताबिक उसे इंटेलिजेंस ब्यूरो से दो संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी मिली थी.
गिरफ़़्तार किए गए लोगों का नाम मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेजट है. गिरफ़्तार किए गए दोनों लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गिरफ़्तार किए गए अतहर परवेज़ के सगे भाई मंज़र पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में अभियुक्त हैं. ये लोग इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) और राजनीतिक पार्टी एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया) से जुड़े बताए गए हैं.
हालांकि पीएफ़आई ने पुलिस के सभी आरोपों को खारिज किया है. पीएफ़आई ने कहा है कि सभी आरोप निराधार हैं और पीएफ़आई को बदनाम करने के लिए लगाए गए हैं.
-एजेंसी