संचार साथी ऐप से जासूसी संभव नहीं: लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्पष्ट बयान

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नई दिल्ली। नए स्मार्टफोनों में संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किए जाने को लेकर उठी जासूसी और निगरानी संबंधी आशंकाओं पर केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में स्थिति स्पष्ट की। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ऐप किसी भी तरह की स्नूपिंग (जासूसी) नहीं करता और न ही इसके जरिए नागरिकों पर निगरानी संभव है। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार की इस ऐप को लेकर कोई “हट” नहीं है—लोग चाहें तो इसे फोन से हटा भी सकते हैं।

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के सवाल का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि संचार साथी ऐप फोन में इंस्टॉल अवश्य रहता है, लेकिन यह स्वतः सक्रिय नहीं होता। जब तक उपभोक्ता इसमें स्वयं रजिस्टर्ड नहीं करता, ऐप कार्य नहीं करेगा। उन्होंने अपना मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा कि जैसे अन्य ऐप्स को नागरिक अपनी इच्छा से डिलीट कर सकता है, वैसे ही संचार साथी ऐप भी पूरी तरह उपभोक्ता की पसंद पर निर्भर है।

मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को विकल्प देना है, बाध्यता थोपना नहीं। “हमने यह ऐप सिर्फ लोगों की सुरक्षा के लिए उपलब्ध कराया है। रखना है तो रखिए, नहीं रखना है तो डिलीट कर दीजिए। जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर आगे भी ऐप में सुधार किए जाएंगे।”

सिंधिया ने दूरसंचार क्षेत्र की बढ़ती चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में 100 करोड़ मोबाइल उपयोगकर्ता हैं, और सकारात्मक उपयोग के साथ कई तत्व इसका दुरुपयोग भी करते हैं। ऐसे में जनता को सुरक्षित रखना सरकार का दायित्व है। इसी सोच के तहत 2023 में संचार साथी पोर्टल और 2025 में ऐप लॉन्च किया गया।

उन्होंने बताया कि यह ऐप जनभागीदारी पर आधारित सुरक्षा तंत्र है, जिसमें लोग चोरी हुए मोबाइल, फ्रॉड कॉल या संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट कर सकते हैं। अब तक 20 करोड़ हिट और डेढ़ करोड़ ऐप डाउनलोड दर्ज किए गए हैं।

सिंधिया ने सदन में आंकड़े भी प्रस्तुत किए—

डेढ़ करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन डिस्कनेक्ट किए गए

6 लाख फर्जी नंबर ब्लॉक हुए

26 लाख चोरी के मोबाइल ट्रेस

7 लाख चोरी हुए मोबाइल उनके वास्तविक मालिकों को वापस किए गए

उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “विपक्ष पूछता है कि फ्रॉड कैसे रोकेंगे। जब हमने जनता को सुरक्षा देने वाला ऐप दिया, तो इसे पेगेसस से जोड़ दिया जा रहा है। जो लोग सुविधा का इस्तेमाल करना चाहते हैं करें, जो नहीं करना चाहते वे ऐप डिलीट कर दें—फिर समस्या क्या है?”

सिंधिया ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार नागरिकों को सशक्त बनाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।