भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने वाराणसी जिला प्रशासन के साथ मिलकर गुरुवार को एक इंटरएक्टिव सेमिनार और वर्कशॉप का सफल आयोजन किया। इस सेमिनार का उद्देश्य लोगों को पूँजी बाजार की बुनियादी जानकारी देना रहा, ताकि वे शेयर मार्केट और निवेश की दुनिया को अच्छे से समझ सकें।
इसके साथ ही, “एसएमई आईपीओ- फंड जुटाने का एक उभरता विकल्प” विषय पर वर्कशॉप भी रखी गई, जिसमें खास तौर से छोटे कारोबारियों और उद्यमियों को बताया गया कि वे कैसे शेयर बाजार के जरिए पूँजी जुटा सकते हैं। इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के अधिकारी, कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स, पेंशनर्स, एमएसएमई प्रमोटर्स, व्यापारियों, उद्यमियों और वरिष्ठ छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसमें वाराणसी के मंडलायुक्त श्री एस. राजलिंगम, मुख्य विकास अधिकारी श्री हिमांशु नागपाल, सेबी के कार्यकारी निदेशक श्री मनोज कुमार, एनएसई के चीफ रेगुलेटरी ऑफिसर श्री अंकित शर्मा और वाराणसी के संयुक्त उद्योग आयुक्त श्री उमेश कुमार जैसे जाने-माने अधिकारी शामिल रहे।
वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी, श्री हिमांशु नागपाल ने कहा, “हम वाराणसी में निवेशकों की जागरूकता बढ़ाने और एसएमई को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। एनएसई के साथ मिलकर आयोजित की गई यह वर्कशॉप इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य लोगों को निवेश की जरुरी बातों और धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी देना, साथ ही योग्य एसएमई को पूँजी बाजार की तरफ प्रेरित करना था।
एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग से हमारे एसएमई को न सिर्फ बेहतर पहचान मिलेगी, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी साख भी बनेगी। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें फंड जुटाने में मदद करें और यह समझाएँ कि शेयर मार्केट में लिस्टिंग से उन्हें आगे चलकर कितना फायदा हो सकता है।”
सेबी के कार्यकारी निदेशक, श्री मनोज कुमार ने कहा, “सेबी में हम पारदर्शिता बढ़ाने, निवेशकों के हितों की रक्षा करने और उन्हें जागरूक बनाने हेतु निरंतर रूप से कार्य कर रहे हैं। ऐसे कार्यक्रम हमारे उस प्रयास का हिस्सा हैं, जिसमें हम लोगों को निवेश के बारे में बेहतर जानकारी देकर भरोसे का माहौल बना सकें। हम
एक्सचेंजेस के साथ मिलकर वित्तीय शिक्षा को जमीनी स्तर तक पहुँचा रहे हैं। इससे लोगों को जानकारी तो मिल ही रही है, साथ ही वे वित्तीय व्यवस्था में सक्रिय भागीदारी भी करने लगे हैं। हमारा फोकस एसएमई सेक्टर को मजबूत करने पर भी है, ताकि उन्हें आम लोगों की भागीदारी से बेहतर तरीके से फंड मिल सके। यह तभी मुमकिन है, जब हम उन्हें इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स यानि आईपीओ जैसे विकल्पों के जरिए पूँजी बाजार से जुड़ने के बारे में जागरूक करें और नए फंड जुटाने के तरीकों से अवगत कराएँ।”
एनएसई के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी, श्री श्रीराम कृष्णन ने कहा, “वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना, निवेशकों को सशक्त बनाना, छात्रों में कौशल को बढ़ावा देना और एमएसएमई में जागरूकता लाना, इन्हीं विचारों पर यह पहल काम करती है। वाराणसी जिला प्रशासन के साथ हमारी साझेदारी इसी दिशा में एक अहम् कदम है। निवेश जागरूकता कार्यक्रमों और एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म के जरिए फंड जुटाने के तरीकों की जानकारी देकर हम एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहते हैं, जिसमें निवेशक और कॉर्पोरेट्स दोनों ही आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें।”
10 मार्च, 2025 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और वाराणसी जिला प्रशासन (वीडीए) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के बाद, एक संयुक्त पहल की शुरुआत हुई है, जिसका लक्ष्य लोगों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाना और एमएसएमई को फंड जुटाने में मदद करना है। इस साझेदारी के तहत, वीडीए के सहयोग से, एनएसई पूरे क्षेत्र में वित्तीय जागरूकता और निवेश शिक्षा से जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित करेगा। इसके साथ ही, एमएसएमई को एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म के जरिए पूँजी जुटाने हेतु मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। यह वर्कशॉप इस समझौते (एमओयू) के तहत होने वाली गतिविधियों की शुरुआत थी।
अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक, एनएसई ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 14 भाषाओं में कुल 14,679 निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें 8 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। इसके अलावा, विभिन्न सेक्टर्स की 619 कंपनियाँ एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हैं, जिन्होंने मिलकर 17,244 करोड़ रुपए से अधिक फंड जुटाया है। इन कंपनियों का कुल बाजार पूँजीकरण लगभग 1,80,000 करोड़ रुपए है।
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