लीडर्स आगरा ने आयोजित की शिक्षा एवं रोजगार विषय पर विचार गोष्ठी
आगरा। प्रतिभा की पलायन यदि अपने शहर से रोकना चाहते हैं तो बच्चाें को उच्च शिक्षा दें किंतु स्वयं का उद्योग करने के लिए भी प्रेरित करें। शिक्षा रोजगार तभी दे सकती है जब उसमें कौशल विकास का आधार शामिल हो। यह कहना था मुख्य वक्ता डॉ स्वाति जैन (वरिष्ठ प्रोफेसर, सुबोध महिला महाविद्यालय, जयपुर) का।
रविवार को आवास विकास स्थित होटल शिवम इन में लीडर्स आगरा द्वारा शिक्षा एवं रोजगार विषय पर चिंतन− मंथन विचार गोष्ठी का आयाेजन किया गया।
गोष्ठी का आरंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और प्रो. आशु रानी (कुलपति, डॉ बीआर आंबेडकर विवि), कार्यक्रम अध्यक्ष पूरन डावर, अध्यक्ष डॉ पार्थ सारथी शर्मा, महामंत्री सुनील जैन ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने समान शिक्षा की अवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारी और चपरासी के बच्चे जब एक ही कक्षा में पढ़ेंगे तभी समाज में समानता आएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सवर्णों की आयु सीमा प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़ा देनी चाहिए।
मुख्य वक्ता स्वाति जैन ने कहा कि शिक्षा और रोजगार के बीच की कड़ी कौशल विकास है, जिसे अब तक अनदेखा किया गया था किंतु नई शिक्षा नीति में कौशल विकास पर अधिक जोर दिया जा रहा है। लेकिन सफर बभी बहुत लंबा है इसमें सरकार, छात्र, शिक्षक आदि सभी को साथ मिलकर कार्य करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूरन डावर ने कहा कि शिक्षा सिर्फ नौकरी का साधन नहीं है। और न ही कोई भी कार्य छोटा होता है। शिक्षा का प्रयोग आर्थिक स्वतंत्रता के लिए कीजिए। नंबरों के फेर में न उलझे बल्कि काबिलियत को देखें।
युवा अपना स्टार्ट अप आरंभ करने के लिए उनके पास आकर सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। स्वयं को स्थापित करने के लिए स्वयं की प्रतिभा पर विश्वास करना आवश्यक है। प्रो. आशु रानी ने विवि द्वारा संचालित रोजगार परक कोर्स एवं सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में चर्चा की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ पार्थ सारथी शर्मा ने कहा कि परिवार को यदि जोड़े रखना चाहते हैं तो युवा पीढ़ी को पैतृक काम से जाेड़ें। उन्हें पारंपरिक व्यवसाय का आधुनिकरण करने दें। तभी वे अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए महामंत्री सुनील जैन ने कहा कि अभिभावक संतान के जन्म के साथ ही उसकी शिक्षा और फिर सरकारी नौकरी प्राप्त करने को ही ध्येन बना लेते हैं। यही सोच का बीज वे बच्चों में रोपते हैं। जबकि सरकारी नौकरियां सीमित मात्रा में होती है। नतीजन बेराेजगारी बढती है। चिंतन का उद्देश्य है कि बच्चे नौकरी करने वाले से अधिक नौकरी देने वाले बनें। अपने पारिवारिक व्यवसाय से उन्हें जोड़ें ताकि प्रतिभा पलायन के साथ परिवारों का विघटन रुके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए ऋण एवं योजनाओं का लाभ अपने उद्योग में ले सकते हैं। महिला समूह योजना से महिला स्वालंबन बढ़ रहा है।
लघु उद्योग भारती ब्रज संभाग अध्यक्ष भुवेश अग्रवाल ने कहा शिक्षा ऐसी हो जो रोजगार ही नहीं स्वरोजगार की ओर ले जाए।
इसी कड़ी में डॉ अनंत प्रकाश प्रकाश गुप्ता (विभागाध्यक्ष राजस्थान विद्यापीठ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, उदयपुर), जेल अधिक्षक फतेहगढ़ भीमसेन मुकुंद, संजय मिश्रा, भास्कर शर्मा, स्वागत अध्यक्ष मनोज बघेल ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर (प्रो) डॉ. अनंत प्रकाश गुप्ता की पुस्तक एलेंस किनोट्स का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में अंजलि गुप्ता, डॉ अशोक कुशवाह, श्रीकांत शर्मा, राहुल जैन,निर्मला शर्मा, ओमप्रकाश, राहुल वर्मा, आयुषी गुप्ता, एस. के बग्गा, नवीन चंचल, राजू सविता, राहुल जैन, विजय जैन, धीरज जैन, अरुण गंगोत्री, रीतेश प्रजापति, जवाहर चौधरी, मोहिनी शर्मा, ओमप्रकाश गोला, श्यामवीर सिंह, मनीषा चौधरी, सिंपल अग्रवाल, सुधीर चौधरी, पार्षद निरंजन सिंह कैंप, बबली धाकड़, अंशु भटनागर आदि उपस्थित रहे।
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