समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खनन घोटाले की जांच में शामिल होने के लिए आई सीबीआई नोटिस का जवाब दे दिया है। अखिलेश को आज गवाह के तौर पर पूछताछ में शामिल होने के लिए दिल्ली बुलाया गया था। जांच एजेंसी को भेजे गए जवाब में सपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई एक्शन पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि अवैध खनन मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन पिछले पांच सालों में उनसे सीबीआई ने कोई जानकारी नहीं मांगी। अब अचानक से चुनाव के पहले जांच एजेंसी ने नोटिस भेजा है। हालांकि अखिलेश ने कहा कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
सीबीआई नोटिस पर गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे परिवार को नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के समय भी सीबीआई के अंडर रहना पड़ा। जो भी पीडीए की बात करेगा, उसको ये सब तो झेलना ही पड़ता है। बीजेपी इस समय सबसे कमजोर स्थिति में है। 10 साल बाद भी ये लोग इतना घबराए हुए हैं। यूपी से आए थे और यूपी से ही बाहर जाएंगे। ये लोग 2014 में आए थे और 2024 में बाहर कर दिए जाएंगे।
बीजेपी प्रकोष्ठ की तरह काम करती है सीबीआई
सपा प्रमुख ने सीबीआई को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि ये लोग बीजेपी के लिए प्रकोष्ठ की तरह काम करते हैं। इस बार बीजेपी के लोग सभी 80 सीटें हारेंगे। इससे पहले सीबीआई को भेजे गए जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि उनसे लखनऊ स्थित आवास पर पूछताछ की जा सकती है। सपा पार्टी के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उनका यूपी के मतदाताओं के प्रति संवैधानिक कर्तव्य है। यूपी में राज्यसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अनुचित तरीके से नोटिस भेजा जा रहा है।
डिंपल यादव ने भी जताई नाराजगी
दूसरी ओर, सपा सांसद डिंपल यादव ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पहले नेता प्रतिपक्ष नहीं है जिन्हें समन भेजा गया है। लगातार नेताओं, उद्योगपतियों, व्यापरियों, छोटे व्यापारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। इंडी गठबंधन की मजबूती से यह सरकार डर गई है, इसलिए यह किया जा रहा है। यह हमारे लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। पूरी मजबूती के साथ हम चुनाव लड़ेंगे।
-एजेंसी