महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने आज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पूर्व पीएम नरसिम्हा राव का नाम लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि जब ये बिल सदन में लाया गया तो कुछ लोगों ने कहा कि ये बिल हमारा है। हमने चिट्ठी लिखी। कुछ लोगों ने कहा कि पूरे का पूरा संविधानिक निर्माण हमारा है, लेकिन आज मैं उस नेता का आभार व्यक्त करती हूं कि जिन्होंने पहली बार ऑन रिकॉर्ड माना कि संविधान का 73वां और 74वां संविधान संशोधन पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने किया था।
नरसिम्हा राव का किया धन्यवाद
दरअसल, इरानी ने सोनिया गांधी का बिना नाम लिए कहा कि हमें ये बार-बार बताया जाता था कि एक विशेष परिवार ने 73वां और 74वां संविधान संशोधन पारित करवाया था। लेकिन आज एक सम्मानित नेत्री का मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करती हूं कि जिन्होंने माना कि ये संशोधन नरसिम्हा राव की सरकार ने किया था। पहली बार स्पष्टता हुई कि ये पुण्य काम पीवी नरसिम्हा जी ने किया, जिनके मरणोपरांत उनके ही पार्टी के मुख्यालय में उनको नमन करने का मौका नहीं दिया गया।
यूपीए में सिर्फ 10 साल, एनडीए में 15 साल
इरानी ने कहा कि इस बिल में मोदी सरकार ने ये प्रस्ताव रखा है कि इसके लागू होने के बाद 15 साल तक महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। ये गारंटी है। लेकिन अगर कांग्रेस का प्रस्ताव आप पढ़ें तो उनका 2 बी और 3 बी में प्रस्ताव ये था कि महिलाओं के लिए तीसरे आम चुनाव के दौरान कोई सीट आरक्षित नहीं होगी। यानी कांग्रेस का प्रस्ताव था कि महिलाओं को 10 साल ही आरक्षण मिलेगा।
अभी क्यों नहीं होगा लागू आरक्षण, बताया
इरानी ने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि अभी क्यों नहीं लागू हो सकता है? उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि संविधान को छिन्न-भिन्न करना ये कांग्रेस की पुरानी आदत है। लेकिन आप संविधान के अनुच्छेद 82 का जिक्र किया जिसमें उचित तरीके से परिसीमन करने के बाद इसे लागू करने का जिक्र है। इरानी ने पूछा कि क्या ये विपक्ष के नेताओं का मत है जो संविधानिक प्रक्रिया इंगित है संविधान में उसकी अवहेलना हो।
ओबीसी, मुस्लिम आरक्षण पर दिया जवाब
ओबीसी और मुस्लिम आरक्षण क्यों नहीं के सवाल पर भी इरानी ने विपक्ष पर तंज कसा। इरानी ने कहा कि मुझसे ज्यादा अनुभवी लोग जो मौजूदा में बिना माइक और पीठ की परमिशन की दांत चबा चबाकर बोल रहे हैं, उनको शायद इस बात का शायद आभास नहीं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है।
विपक्ष की चिट्ठियों पर इरानी का तंज
इरानी ने कहा कि विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस भ्रम में न फंसे इसलिए तथ्यों को रिकॉर्ड पर आना उचित है। राष्ट्र सरकार के इस फैसले को स्वीकार करते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम को समर्थन देती है। राष्ट्र की महिलाओं को संविधानिक सशक्त करती है। विपक्ष कह रहा है कि हम चिट्ठियां लिख रहे थे इसलिए ये हुआ। कम से कम उन्होंने ये स्वीकार किया कि इस सरकार का प्रधान सेवक ऐसा बड़ा दिल का है कि जब आपकी सत्ता थी तो उनके साथ पक्षपात करते रहे, बार-बार उनका अनादर अपमान करते रहे लेकिन उन्होंने बड़ा दिल दिखाकर आपके हर कम्युनिकेशन को पढ़ा, आपसे चर्चा की।
विपक्ष को जेंडर बजट पर भी दिया जवाब
इरानी ने कहा कि जो आज कह रहे हैं कि मुद्दे पर आओ। तो मुद्दे की बात ये कि जब उनकी सरकार थी तो जेंडर बजट की दृष्टिकोण से 2013-14 का बजट था 90 हजार करोड़ रुपये। मोदी की सरकार में 2023-24 का जेंडर बजट देखें तो वो है 2 लाख 23 हजार करोड़।
Compiled: up18 News