नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया को और समय दिए जाने की तैयारी लगभग तय मानी जा रही है। प्रदेश के 15.44 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से करीब 17.7% (लगभग पौने तीन करोड़) मतदाताओं के गणना फॉर्म अब तक एकत्र नहीं हो सके हैं। बीएलओ की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने चुनाव आयोग को समय बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र भेजने का निर्णय लिया है।
सूत्रों का कहना है कि नया आदेश 11 दिसंबर से पहले किसी भी समय जारी हो सकता है। इससे पहले आयोग ने 30 नवंबर को फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी थी।
97.3% डिजिटाइजेशन पूरा
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन का काम 97.3% पूरा हो चुका है, लेकिन फॉर्मों के संग्रह में बड़ी कमी दिखाई दे रही है। प्रदेश में जहां करीब 80% फॉर्म वापस आ चुके हैं, वहीं 17.7% फॉर्म ‘जमा हो पाने की स्थिति’ में नहीं हैं, जो प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बाधा बन रहे हैं।
सभी दलों से मदद की अपील, जिलाधिकारियों को जांच के निर्देश
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे बीएलओ की मदद से इन बचे हुए फॉर्मों को एकत्र कराने में सहयोग दें। साथ ही सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिन फॉर्मों को ‘संग्रहण योग्य नहीं’ बताया जा रहा है, उनकी स्थिति की दोबारा जांच की जाए।
समय बढ़ाने की संभावना मजबूत
फिलहाल गणना प्रपत्र भरने और वापस करने की अंतिम तारीख 11 दिसंबर निर्धारित है। लेकिन बड़े पैमाने पर फॉर्मों की कमी को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुरोध पर एसआईआर प्रक्रिया को और समय मिलने की पूरी संभावना है।
आयोग की ओर से अंतिम निर्णय जल्द जारी किया जा सकता है।

