अभी तक जिस उम्र को सेहत के लिहाज से सबसे बेहतर माना जाता रहा है। वही अब जीवन शैली में बदलाव की वजह से हृदय रोग की उम्र हो गई है। 35 साल के युवाओं की हृदय की धमनियों में 65 साल उम्र वाला ब्लॉकेज मिल रहा है। धमनियों में बड़ा थक्का जम रहा है और कुछ की तीनों धमनियां ब्लॉक मिल रही हैं।
यह खुलासा एलपीएस कार्डियोलॉजी के अध्ययन में हुआ है। इसके मुताबिक 10-15 साल में हार्टअटैक के रोगियों का आयु वर्ग 15 से 20 साल कम हो गया है। यही बात अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के शोध में कही गई है। शोध में यूरोप और देश के हृदय रोगियों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है।
कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट ने पहली बार हार्ट अटैक का लक्षण लेकर अस्पताल आए 1500 रोगियों के ब्योरे का अध्ययन किया है। एंजियोग्राफी रिपोर्ट में इन रोगियों के हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज की स्थिति देखी। इसमें यह चौंकाने वाला तथ्य मिला है। कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा का कहना है कि पहली बार हार्ट अटैक के लक्षण के साथ आने वाले रोगियों की एंजियोग्राफी की जाती है तो तीनों धमनियों में ब्लॉकेज मिलता है। ओपन हार्ट सर्जरी की नौबत रहती है। अध्ययन में नए रोगियों के ब्लॉकेज की स्थिति का मिलान 10-15 साल पहले आए रोगियों से किया गया।
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवधेश कुमार शर्मा ने बताया कि 15-20 साल पहले 55 से लेकर 75 वर्षीय हार्टअटैक के रोगी अधिक आते रहे हैं। इनकी धमनियों में ब्लॉकेज रहता था। इनमें सबसे अधिक संख्या 60 से 65 साल आयु वर्ग के रोगियों की होती थी, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। अब 35 से 55 वर्ष आयु वर्ग के रोगी अधिक आ रहे हैं।
इनमें 40 से 45 साल आयु वर्ग के रोगियों की संख्या अधिक होती है। इनका ब्लॉकेज जटिल प्रकार का होता है। उन्होंने बताया कि अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के शोध में भी यह कहा गया है कि यूरोप के लोगों की तुलना में भारतीयों को हृदय रोग 15-20 साल पहले हो जा रहा है। हृदय रोग होने की आयु 15-20 साल कम हो गई है।
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