नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का मेडिकल जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे एक जस्टिस के अलग होने की वजह से अब कोर्ट में केस की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी। पूर्व विधायक मेडिकल आधार पर 20 जनवरी तक अंतरिम जमानत पर हैं। उसकी ओर से अनुरोध किया गया है कि 24 जनवरी को AIIMS में होने वाली मोतियाबिंद की सर्जरी के कारण उसकी जमानत की अवधि बढ़ा दी जाए।
हालांकि आज जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तब जस्टिस धर्मेश शर्मा ने खुद को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया। उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की नई याचिका को जस्टिस प्रतिभा सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की बेंच के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई थी, लेकिन सुनवाई शुरू नहीं हो सकी।
जस्टिस शर्मा ने ही सुनाया था फैसला
सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि जस्टिस धर्मेश शर्मा ने ही वो फैसला सुनाया था, जिसमें पूर्व विधायक सेंगर को रेप के मामले में दोषी पाया गया था और उसे जेल की सजा सुनाई गई थी। इसलिए जस्टिस धर्मेश शर्मा ने जमानत से जुड़े मामले से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा कि फैसले पर विचार करते हुए, इस मामले को किसी दूसरी बेंच के सामने सूचीबद्ध किया जाए, जस्टिस धर्मेश शर्मा जिसका हिस्सा ना हों.
पहले आत्मसमर्पण करें सेंगरः कोर्ट
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित नेता कुलदीप सेंगर के वकील ने मेडिकल जमानत की अवधि बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि उनकी आंख का ऑपरेशन 24 जनवरी को होना है। एम्स ने तारीख दे दी है। जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कुलदीप सेंगर के अनुरोध को नामंजूर कर दिया और कहा कि आप आत्मसमर्पण करें, फिर हम इस आवेदन पर विचार करेंगे। हमने आपको पर्याप्त छूट दे दी है। हम सिर्फ समझौता करते नहीं रह सकते।
दरअसल, कुलदीप सिंह सेंगर की मेडिकल जमानत 20 जनवरी को खत्म हो रही है। अब हाई कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी को करेगी। सेंगर ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में कल गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट से उसे दी गई 10 साल जेल की सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया। सेंगर की ओर से इस आधार पर राहत की याचिका लगाई गई कि दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ उसकी अपील पर हाई कोर्ट की ओर से अभी फैसला लिया जाना है, जबकि वह पहले ही जेल में काफी समय बिता चुका है।
20 जनवरी तक अंतरिम जमानत पर
पूर्व विधायक चिकित्सा आधार पर 20 जनवरी तक अंतरिम जमानत पर है। सेंगर ने यह भी अनुरोध किया कि 24 जनवरी को AIIMS में होने वाली मोतियाबिंद की सर्जरी के कारण उसकी जमानत की अवधि बढ़ा दी जाए। बीजेपी नेता रहे सेंगर को नाबालिग पीड़िता से रेप का दोषी ठहराया गया और 20 दिसंबर, 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। 2017 में सेंगर ने पीड़ित को कथित रूप से अगवा कर लिया और उससे रेप किया। जिस वक्त घटना हुई तब पीड़िता नाबालिग थी।
साभार सहित
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