सपा ने 23 जुलाई को शिवपाल यादव और ओपी राजभर के नाम एक पत्र में कहा कि वो स्वतंत्र हैं, जहां अधिक सम्मान मिले वहां जा सकते हैं। इसके जवाब में शिवपाल यादव ने भी कहा कि मैं सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने के लिए हृदय से धन्यवाद।
वहीं शिवपाल की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) की यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष नितिन कोहली ने एक पत्र जारी कर अखिलेश यादव और सपा से कई सवाल पूछे हैं। नितिन कोहली के पत्र में सपा नेताओं से कहा गया है कि सिर्फ मुलायम सिंह यादव को शिवपाल यादव को पत्र जारी करने का अधिकार है। पत्र के जरिए सपा से पूछा गया कि समाजवादी पार्टी में कितनी जातियों के बड़े-बड़े नेता हैं, बताए।”
प्रसपा ने कहा, “सपा नेता अपने दम पर अपना बूथ भी नहीं जीत पाते। जब पार्टी में मुलायम सिंह का दौर था तो कार्यकर्ताओं का सम्मान होता था लेकिन अब 10 दिन लखनऊ रहने के बाद भी पार्टी नेताओं के दर्शन नहीं हो पाते।”
प्रदेश अध्यक्ष नितिन कोहली के इस खुले पत्र में कहा गया है, “मुलायम सिंह यादव के रास्ते से शिवपाल यादव और सैफई के पूर्व ब्लॉक प्रमुख रणबीर सिंह यादव ने न जाने कितने कांटे हटाये, ये बात सिर्फ मुलायम सिंह यादव को ही पता है। सपा संरक्षक उन्हें सम्मान देने के साथ-साथ उनके लिए अपने दरवाजे 24 घंटे खुला रखते थे।”
वहीं सुभासपा और सपा के बीच गठबंधन टूटने के बाद ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने भी एक पत्र जारी करते हुए अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगाया है। सुभासपा राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में हमारी पार्टी ने दौपदी मुर्मू को समर्थन दिया। मुर्मू जी हमारे बीच से हैं। लेकिन उन्हें समर्थन देना अखिलेश जी को अच्छा नहीं लगा।
अरविंद राजभर ने चिट्ठी में कहा कि अब मुझे कहां जाना है, इसका फैसला अखिलेश यादव नहीं बल्कि हमारी पार्टी और कार्यकर्ता करेंगे।
-एजेंसी
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