शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा, कांग्रेस समर्थक मुझे ट्रोल कर रहे हैं

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शर्मिष्ठा ने चिट्ठी में राहुल गांधी के नारे ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ का जिक्र किया। उन्होंने लिखा- आपका पसंदीदा नारा आपके समर्थकों के कानों में नहीं पड़ता क्योंकि वे आपकी आलोचना करने वालों पर सारी नफरत झोंक देते हैं। अगर आप न्याय को लेकर सीरियस हैं, तो ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लें।

दरअसल, शर्मिष्ठा ने 5 फरवरी को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि कांग्रेस ने पिछले दो लोकसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में हारे हैं। पार्टी को अपने चेहरे के बारे में सोचना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अपनी किताब ‘प्रणब माई फादर’ में राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता को लेकर कई दावे किए थे।

उन्होंने किताब में लिखा था कि प्रणब मानते थे कि राहुल में कांग्रेस को दोबारा मजबूत करने की योग्यता नहीं है। शर्मिष्ठा की इन्हीं बातों से नाराज होकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस समर्थक उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। जिसे लेकर उन्होंने राहुल गांधी को लेटर लिखा।

शर्मिष्ठा ने अपने लेटर में क्या लिखा?

शर्मिष्ठा ने लिखा, मेरे पिता और मेरे खिलाफ ट्रोलिंग मेरी किताब के पब्लिश होने के बाद हो रही है। आप जानते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में केवल किसी की प्रशंसा करना शामिल नहीं है, बल्कि आलोचना को शालीनता से सहन करने की क्षमता भी शामिल होती है। हालांकि, यह बात आप अपने समर्थकों को समझाने में नाकाम रहे हैं।

पिछले दिनों जयपुर लिटरेचर फेस्ट में मैंने कहा कि आप इस पार्टी को चलाने में नाकाम रहे हैं। आपकी लीडरशिप में पार्टी दो लोकसभा चुनाव हारी है। फिर भी पार्टी प्रमुख विपक्षी पार्टी है। पार्टी को गांधी-नेहरू फेस के इतर कोई चेहरा आगे करना चाहिए। यह मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है कि पार्टी के बारे में अपने विचार सबके सामने रख सकती हूं।

शर्मिष्ठा ने लेटर में लिखा कि नवीन शाही नाम का एक शख्स उन्हें काफी ट्रोल करता है। उनके पिता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करता है। उसे कांग्रेस के कई नेता फॉलो करते हैं। आप न्याय की बात करते हैं। मैं आप से न्याय की मांग करती हूं, क्योंकि ऐसे लोगों को ताल्लुक आपकी पार्टी से है।

उन्होंने लिखा- अगर आप न्याय को लेकर सीरियस हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लें। साथ ही उन लोगों के खिलाफ भी एक्शन लें, जिन्होंने नवीन शाही के ट्वीट पर सहमति जताई। अपने सोशल मीडिया हेड के खिलाफ एक्शन लें, क्योंकि उनकी मर्जी से ही ऐसी भाषा लिखी जा रही है।

शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में राहुल के खिलाफ क्या लिखा?

शर्मिष्ठा ने किताब में लिखा था कि एक बार प्रणब ने बताया था कि राहुल के ऑफिस को AM (रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक का वक्त) और PM (दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे का वक्त) नहीं पता। क्या कभी वे प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) संभाल पाएंगे।

शर्मिष्ठा के मुताबिक, उनके पिता ने यह भी बताया था कि राहुल गांधी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के कई प्रोग्राम्स में नहीं आते थे। ऐसा क्यों होता था, यह नहीं पता। शर्मिष्ठा ने राहुल और उनके परिवार को लेकर उनके पिता की आलोचनात्मक टिप्पणियों का जिक्र किया है।

NDTV के मुताबिक शर्मिष्ठा ने बताया- एक दिन प्रणब मुगल गार्डन (अब अमृत उद्यान) में मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। राहुल उनसे मिलने आए। मेरे पिता को पूजा और मॉर्निंग वॉक के दौरान किसी से मिलना पसंद नहीं था। हालांकि, उन्होंने राहुल से मिलना तय किया, लेकिन बात यह नहीं थी। असल में, राहुल का प्रणब से मुलाकात का वक्त शाम को तय था, लेकिन उनके (राहुल) ऑफिस ने उन्हें गलती से सुबह का वक्त बता दिया। मैंने (शर्मिष्ठा) इस बारे में एक ADC से बात की थी। इसको लेकर जब मैंने अपने पिता से पूछा तो उन्होंने कहा कि राहुल के ऑफिस को AM और PM में अंतर नहीं पता। वो कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि एक दिन PMO चलाएंगे।

किताब में दावा, राहुल कांग्रेस मुख्यालय में झंडावंदन कार्यक्रम में नहीं आए थे

शर्मिष्ठा ने किताब में लिखा- प्रणब ने बताया था कि राहुल 28 दिसंबर 2013 को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर होने वाले झंडावंदन कार्यक्रम में नहीं आए थे। इसके 6 महीने बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।

प्रणब ने डायरी में लिखा था, ‘राहुल AICC के कार्यक्रमों में नहीं आते थे। मुझे इसका कारण नहीं पता, लेकिन ऐसा कई बार हुआ। वे (राहुल) हर चीज को बहुत सामान्य तरीके से लेते थे। उनके लिए किसी चीज की कोई कीमत नहीं थी। सोनिया जी अपने बेटे को उत्तराधिकारी बनाना चाहती हैं, लेकिन इस युवा में राजनीतिक समझ की कमी समस्या पैदा कर रही है। क्या वह कांग्रेस को पुनर्जीवित कर सकता है? क्या वह लोगों को प्रेरित कर सकता है? मुझे नहीं पता।’

शर्मिष्ठा ने यह भी लिखा- मेरे पिता को लगता था कि राहुल पार्टी के कठिन समय में अचानक से ब्रेक ले लेते थे। इसी की वजह से वह अपने बारे में राय बनाने की जंग हार गए।

-एजेंसी


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