मौनी अमावस्या पर भगदड़ को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्रपुरी भिड़े

ममता बनर्जी के ‘मृत्यु कुंभ’ वाले बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दी प्रतिक्रिया

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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की महाकुंभ को ओर ‘मृत्यु कुंभ’ कहे जाने पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा समेत एनडीए के तमाम दलों ने ममता के इस बयान की कड़ी आलोचना की है, जबकि संत समाज ने इस बयान तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे सनातन धर्म का अपमान बताया है। इस बीच जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने की भी प्रतिक्रिया सामने आयी है।

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छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में एक प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी से बातचीत में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि वह ममता बनर्जी के बयान का विरोध नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम था, ये बदइंतजामी नहीं तो और क्या है? लोगों को अपना सामान लेकर 25-30 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। नहाने के लिए जो पानी आ रहा है, उसमें सीवेज का पानी मिला हुआ है और वैज्ञानिक उसे नहाने लायक नहीं मानते, फिर भी आप करोड़ों लोगों को उसमें नहाने पर मजबूर कर रहे हैं। आपका काम था कि या तो नालों को कुछ दिनों के लिए बंद कर देते या फिर उनका रास्ता बदल देते ताकि लोगों को नहाते समय शुद्ध पानी मिल सके।’

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने आगे कहा, ‘आपको 12 साल पहले पता था कि कुंभ 12 साल बाद आएगा, फिर आपने इस संबंध में कोई प्रयास क्यों नहीं किए। जब पहले से पता था कि इतने लोग आएंगे और जगह भी सीमित है, तो इसके लिए योजना बनानी चाहिए थी। आपने कोई योजना नहीं बनाई। झूठा प्रचार किया गया, 144 साल की बात ही झूठ है। भीड़ प्रबंधन और आतिथ्य सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। यहां तक ​​कि जब लोग मर गए, तो इसे छिपाने की कोशिश की गई, जो एक गंभीर अपराध था। ऐसे में अगर कोई इस नाम (मृत्यु कुंभ) से पुकारेगा, तो हम इसका विरोध नहीं कर पाएंगे।’

बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार विवादित बयान दिया था। उन्होंने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने बंगाल विधानसभा में कहा कि महाकुंभ अब ‘मृत्यु कुंभ’ में बदल गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाकुंभ में VVIPs को खास सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि आमलोगों को वहां भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने महाकुंभ में हुए भगदड़ पर भी भाजपा सरकार को घेरा और कहा कि वहां भीड़ नियंत्रण के इंतजाम नहीं हैं।

ममता बनर्जी ने कहा कि यह ‘मृत्यु कुंभ’ है। उन्होंने कहा कि मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं लेकिन कोई योजना नहीं है। कितने लोग बरामद हुए हैं? अमीरों, वीआईपी लोगों के लिए 1 लाख रुपये तक के कैंप (टेंट) की व्यवस्था है। गरीबों के लिए कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है। मेले में भगदड़ की स्थिति आम है, लेकिन व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है। आपने क्या योजना बनाई थी?

-साभार सहित