भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ब्रोकरेज कंपनी IIFL सिक्योरिटीज (पूर्व में इंडिया इन्फोलाइन लि.) को नए ग्राहक जोड़ने से दो साल के लिए रोक दिया है। ग्राहकों के कोष के दुरुपयोग पर नियामक ने यह कदम उठाया है।
सेबी ने अप्रैल, 2011 से जनवरी 2017 की अवधि के लिए आईआईएफएल के खातों का कई बार निरीक्षण करने के बाद यह आदेश जारी किया है। अपनी जांच में सेबी ने पाया कि आईआईएफएल ने अप्रैल 2011 से जून 2014 तक अपने मालिकाना लेनदेन वाले शेयर कारोबार सौदों के निपटान के लिए ग्राहकों के बचे हुए कोष का इस्तेमाल किया।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती ने अपने आदेश में कहा, “पूरा ब्योरा देखने के बाद मुझे यह नतीजा निकालने में कोई समस्या नहीं है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों के कोष का दुरुपयोग कर सेबी के 1993 के परिपत्र के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।”
कई सालों से सेबी की आईआईएफएल पर नजरें थीं। सेबी ने जब ब्रोकरेज कंपनी के अकाउंट्स का निरीक्षण किया था और इस बात की जांच की थी कि वो नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। सेबी को अपनी जांच में सेबी को पता चला कि आईआईएफएल सिक्योरिटीज अपने फंड्स और ग्राहकों के फंड को अलग-अलग नहीं कर रही है। इसके साथ ही इसने डेबिट बैलेंस रखने वाले कस्टमर्स के फायदे के लिए क्रेडिट बैलेंस रखने वाले क्लाइंट्स के फंड का गलत इस्तेमाल किया था।
सेबी ने ये फैसला अचानक नहीं लिया है बल्कि नियामक ने साल 2011 से 2017 के दौरान आईआईएफएल को ग्राहकों के आर्थिक हितों से समझौता करने का दोषी पाया है और इसके बाद ही 2 साल के लिए नए क्लाइंट्स जोड़ने से रोकने का कड़ा फैसला लिया है।
Compiled: up18 News
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