सऊदी अरब के फाइनेंस मिनिस्टर मोहम्मद अल जेदान ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में सुधरने की नसीहत दी है। जेदान ने कहा, हमने अपने सहयोगियों को बहुत साफतौर पर बता दिया है कि सऊदी अरब ने अब फाइनेंशियल हेल्प और कर्ज देने की पॉलिसी बदल दी है। अब पहले की तरह बिना शर्त कर्ज या गारंटी डिपॉजिट नहीं किए जाएंगे। इन मुल्कों को अपना इकोनॉमिक सिस्टम और इन्फ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करना होगा।
सऊदी अरब की स्ट्रैटजी में यह बदलाव और दावोस इकोनॉमिक फोरम पर इसका ऐलान चौंकाने वाला है। हालांकि ये नया नहीं है। 2020 में ही सऊदी ने पाकिस्तान की मदद करने पर बेहद सख्त शर्तें लगा दी थीं। पिछले हफ्ते भी उसने शाहबाज शरीफ को मदद का भरोसा तो दिलाया, लेकिन साफ कर दिया कि शर्तें पुरानी ही रहेंगी।
पहले जानिए कि सऊदी फाइनेंस मिनिस्टर ने क्या कहा
दावोस में इस वक्त वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की एनुअल मीटिंग चल रही है। गुरुवार को सऊदी वित्त मंत्री मोहम्मद अल जेदान ने इसमें भाषण दिया। कहा कि बतौर मुल्क हमने फैसला किया है कि अब हम सहयोगी देशों की उस तरीके से मदद नहीं करेंगे, जैसे पहले करते थे। पहले हम सीधी और बिना शर्त आर्थिक मदद करते थे। उनके खजाने में बिना शर्त डिपॉजिट भी कर देते थे। अब ये नहीं होगा।
जेदान ने आगे कहा- हम चाहते हैं कि ऐसे देश जिन्हें हम मदद देते हैं, वो अपना इकोनॉमिक इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारें। इस काम में हम उनकी मदद करने को तैयार हैं, लेकिन उनको भी इकोनॉमिक रिफॉर्म्स करने होंगे।
मॉनिटरिंग भी करेंगे
जेदान ने अपने भाषण में एक और नई बात कही और यह बात कम से कम पाकिस्तान के लिए तो बड़े खतरे की घंटी है। सऊदी फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा- अब तक सऊदी सरकार बिना किसी शर्त और बिना किसी लटकावे के ग्रांट्स या लोन देती थी। वक्त बदल गया है और हम दुनिया के कई देशों और इंस्टीट्यूशन्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि हम ग्रांट मांगने वाले देशों में रिफॉर्म्स देखना चाहते हैं। इतना ही नहीं, हम इसकी मॉनिटरिंग भी करेंगे।
Compiled: up18 News