म्यूनिख़ सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में रूस की हार होनी चाहिए लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि रूस को ‘पूरी तरह तबाह’ नहीं किया जाना चाहिए.
फ्रांसीसी मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि सैन्य कार्रवाई के ज़रिए इस युद्ध का समाधान नहीं निकलेगा.
जर्मनी में हो रहे म्यूनिख़ सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जी-7 देशों के आला नेता और विदेश मंत्री पहुंचे हैं.
अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि उनकी सरकार यूक्रेन को लंबे वक्त के लिए मदद देने के लिए तैयार है.
ब्रिटेन के राष्ट्रपति ऋषि सुनक ने कहा रूस को बूचा, इरपुन, मारियोपोल और दूसरी जगहों पर युद्ध अपराधों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर इस बात का दवाब बनाया जाना चाहिए कि यूक्रेन के पुनर्निमाण के लिए वो फंड दे.
वहीं पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन नेटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने कहा, “अगर पुतिन ये लड़ाई जीत गए तो इससे उन्हें और दुनिया के दूसरे तानाशाह नेताओं को ये संदेश जाएगा कि वो ताकत का इस्तेमाल कर कुछ भी हासिल कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि रूस को एक ऐसा यूरोप चाहिए, जहां वो अपने पड़ोसियों पर नियंत्रण कर सके.
उन्होंने चीन की तरफ़ इशारा करते हुए कहा, “रूस हारता है या जीतता है इस पर चीन की भी नज़र है. आज जो यूरोप में हो रहा है वो कल एशिया में हो सकता है.”
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने समर्थन के लिए पश्चिमी मुल्कों का धन्यवाद दिया है और कहा है कि रूस की आक्रामकता को ख़त्म करने में उनकी मदद बेहद महत्वपूर्ण होगी.
उन्होंने कहा, “दुनिया के कई देशों के नेताओं ने हमें समर्थन दिया है और हमारी सेना को हथियार देकर उन्हें और मज़बूत करने के संकेत दिए हैं. हमें रूस को जल्द से जल्द हराने के लिए सब कुछ करना चाहिए. दुनिया को रूस पर दवाब बनाना चाहिए ताकि उसे डराने के नए तरीके खोजने का वक्त न मिले.”
Compiled: up18 News