रूस ने खोला आईएनएसटीसी कॉरिडोर, भारत को होगा बड़ा फायदा

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तीनों देशों ने मिलकर किया तैयार

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) 7200 किलोमीटर तक लंबा है। जिसमें तीन तरह के रास्ते सड़क, समुद्र और रेल मार्ग शामिल हैं। बीते दो दशक से कॉरिडोर ठंडे बस्ते में पड़ा था लेकिन अब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ये दोबारा जीवित हो गया है। विश्लेषकों के अनुसार, रूस, ईरान और भारत ने इस कॉरिडोर को तैयार करने में काफी मेहनत की है। यह रूस के लिए आर्थिक प्रतिबंधों से होने वाले नुकसान से बचने का भी एक तरीका जैसा नजर आ रहा है। अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने यूक्रेन युद्ध की वजह से उसपर प्रतिबंध लगा दिए हैं। डेजान शायर एंड कंपनी के संस्थापक क्रिस डेवनशायर-एलियास का कहना है कि ये पूर्वी हिस्से में व्यापार के नए मार्ग हैं। रूस इनके इस्तेमाल को लेकर काफी गंभीर है।

जून महीने में ईरान ने INSTC का उपयोग करके रूस से भारत में माल के पहले पायलट ट्रांजिट की घोषणा की थी। इसने ईरान में होर्मुज जलडमरूमध्य पर बंदर अब्बास बंदरगाह का भी इस्तेमाल किया है। पहली खेप में लकड़ी के कंटेनरों में सामान ईरान के रास्ते रूस से भारत लाया गया था। इसके बाद जुलाई में कम से कम अन्य 39 कंटेनरों को न्हावा शेवा के अरब सागर बंदरगाह के माध्यम से रूस से भारत भेजा गया था। अब इस व्यापार के आने वाले महीनों और बढ़ने की संभावना है।

-एजेंसी


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