भारत और UAE के बीच पहली बार लोकल करेंसी में लेनदेन हुआ है। भारत ने एक मिलियन बैरल तेल का भुगतान रुपए और UAE की करेंसी दिरहम में किया है। इसकी जानकारी UAE में भारतीय दूतावास ने दी है। बताया गया है कि लेनदेन UAE की अबु धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के बीच हुआ।
भारत की एनर्जी सिक्योरिटी में UAE से इंपोर्ट किया गया तेल अहम भूमिका निभाता है। UAE पांचवां बड़ा देश है जिससे भारत अपनी क्रूड ऑयल की जरूरतें पूरी करता है। वहीं दूसरा ऐसा बड़ा देश है, जहां से LNG और LPG इंपोर्ट की जाती है। ऐसे में दोनों देशों के बीच लोकल करेंसी में भुगतान भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
डॉलर का घटता रुतबा
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक लोकल करेंसी में लेनदेन करने से ट्रांजैक्शन कोस्ट कम होती है और समय की बचत होती है। भारत और UAE के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जायद अल नाहयान की मौजूदगी में 15 जुलाई 2023 को लोकल करेंसी सेटलमेंट का समझौता हुआ था।
पहले UAE से इम्पोर्ट किए जाने वाले तेल का भुगतान डॉलर में करता था। अब इस तरह के लेनदेन के लिए रुपए और दिरहम के इस्तेमाल को डि-डॉलेराइजेशन यानी डॉलर के घटते रुतबे और इस्तेमाल के तौर पर देखा जा रहा है। IMF ने अपनी एक रिपोर्ट में इसका जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया है।
भारत UAE को क्या एक्सपोर्ट करता है?
UAE को भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट, मेटल, स्टोन, जेम्स एंड ज्वेलरी, मिनरल्स, फूड आइटम जैसे अनाज, चीनी, फल और सब्जियां, चाय, मांस और सीफूड, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग मशीनरी प्रोडक्ट और कैमिकल्स शामिल हैं।
UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार है। इसमें UAE ने भारत से 2 लाख करोड़ रुपए का इम्पोर्ट किया है।
भारत का UAE के साथ वित्तीय घाटा है। यानी भारत UAE से आयात ज्यादा करता है और निर्यात कम। भारत ने वित्तवर्ष 2022-23 में UAE से 4 लाख करोड़ रुपए का इंपोर्ट किया है। भारत ने UAE के साथ एक ट्रेड पैक्ट पर भी साइन किया था।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.