एफएओ (FAO) की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते कुछ महीनों में चावल की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई है. इसकी कीमतें 12 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. सितंबर 2011 के बाद ये राइस की सबसे ऊंची कीमतें हैं. चावल की कीमतें बढ़ने के पीछे यूं तो कई कारण हैं, लेकिन भारत के चावल एक्सपोर्ट बैन का भी असर बहुत पड़ा है.
अब संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैन की वजह से वर्ल्ड राइस प्राइस इंडेक्स 12 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
भारत सिर्फ अपने लोगों को ही बल्कि पूरी दुनिया को चावल खिलाता है. वर्ल्ड के 40 प्रतिशत चावल ट्रेड पर भारत का एकछत्र राज है. इसलिए जब उसने नॉन-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया, तब दुबई से लेकर अमेरिका तक हाहाकार मच गया. अब संयुक्त राष्ट्र (UN) का कहना है कि इसकी वजह से दुनियाभर में चावल की कीमतें 12 साल के हाई पर पहुंच गई हैं.
यूनाइटेड नेशंस के तहत काम करने वाले फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) का कहना है कि जुलाई में वर्ल्ड राइस प्राइस इंडेक्स में 2.8 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. ये पिछले साल जुलाई के मुकाबले इस साल 20 गुना बढ़ गया है.
– एजेंसी
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