धर्म पूछा, जाति नहीं… पोस्‍टर पर भड़के अखिलेश, बोले-बीजेपी हमेशा आपदा में सत्ता और सियासत का अवसर ढूँढती है..

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लखनऊ। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश की लहर है। सत्‍ता पक्ष के साथ विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं ने इस आतंकी घटना की निंदा की है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक पोस्‍टर को लेकर बीजेपी पर हमला बोल दिया है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि अखिलेश बीजेपी छत्‍तीसगढ़ के X हैंडल पर शेयर किए गए पोस्‍टर से भड़क गए हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के बेहद दर्दनाक हादसे पर बचकाना विज्ञापन छापकर साबित कर दिया है कि भाजपाइयों की संवेदना उनके प्रति शून्य है, जिन्होंने अपना जीवन खोया है और जिनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। भाजपा अब ये विज्ञापन हटवा भी देगी तो भी उसका ये पाप उसके कट्टर समर्थक तक माफ़ नहीं करेंगे। भाजपा हमेशा आपदा में अपनी सत्ता और सियासत के लिए अवसर ढूंढती है। भाजपा अपनी सत्ता के सिवा किसी की सगी नहीं है। घोर निंदनीय!

उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार ने सब कुछ अपने मन मुताबिक़ किया है तो वो इतने अधिक लोगों की असामयिक मौत के लिए अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। ये केंद्र की सरकार की नाकामी है कि वो पहले से पता नहीं कर पायी कि देश के दुश्मन इतनी वीभत्स घटना को अंजाम देनेवाले हैं। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है, भाजपा सरकार ने अगर पिछले हमलों से सबक लिया होता तो वो पहले से ही सचेत-सजग रहती और ऐसे हमलों को रोका जा सकता था, लोगों के जीवन को बचाया जा सकता था। संवेदनहीन भाजपाइयों से आग्रह है कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनका दुख-दर्द समझकर कम-से-कम देश की सुरक्षा को तो जुमला न बनाएं। ये असीम दुःख की घड़ी है, इसको भाजपाई दिखावटी बैठकों से और झूठी संवेदनाओं से झुठलाने का कुकृत्य न करें।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों के ख़िलाफ़ देश भर के करोड़ों लोगों के मन में उठ रहा, ‘गहरे दुख, रोष और क्रोध से भरा’ ये आक्रोशित सवाल गलत नहीं है कि ‘अगर भाजपाई और उनके संगी-साथी देश भर के पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर के भ्रमण पर जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो उनकी सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध पहले से क्यों नहीं किये गये’? जहाँ हमला हुआ वो स्थान कोई निर्जन स्थान नहीं था बल्कि एक चर्चित पर्यटन स्थल था, तब ही तो वहाँ देश के कई प्रदेशों के पर्यटक उपस्थित थे। इतने प्रसिद्ध स्थान पर सुरक्षा के लिए बैठकें पहले करनी थी, लोगों के जीवन गँवाने के बाद नहीं। ये भाजपा सरकार की रणनीतिक चूक भी है लेकिन इससे उन भाजपाइयों को क्या फ़र्क़ पड़ता है जो स्वयं तो सुरक्षा के कई घेरों में चलते हैं लेकिन देशवासियों को मौत के मुंह में ढकेल देते हैं।

अगर भाजपा सरकार ये बहाना करती है कि हमारे पास सुरक्षा बलों की कमी है, तो इसके लिए भी भाजपा सरकार ही ज़िम्मेदार है। सुरक्षा बलों की संख्या घटाकर, दोयम दर्जे के सुरक्षा उपकरणों, अस्त्र-शस्त्र व युद्ध वाहनों को ख़रीदकर तथा अग्निवीर जैसी योजनाएं लाकर भाजपा देश की सुरक्षा से जो समझौता कर रही है, वो क्षम्य नहीं है। इस घटना के प्रतिशोध का कोई भी दावा, अब जनता को बहका नहीं सकता क्योंकि कोई भी प्रतिक्रिया, मृतकों के जीवन को वापस नहीं ला सकती है। जिस परिवार ने जो खो दिया, सो खो दिया।

उन्होंने कहा कि सच तो ये है कि न तो देश की आज़ादी में भाजपाई और उनके संगी-साथियों ने कोई योगदान दिया न वो देश की आज़ादी को बचाने में कोई योगदान दे रहे हैं। लाख माफ़ी माँगने पर भी भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों को न तो हमारे भारत देश का इतिहास माफ़ करेगा, न भविष्य। दुख की इस घड़ी में हमारी सच्ची संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है।
श्रद्धांजलि!

-साभार सहित