मुंबई। रिलायंस न्यू एनर्जी ने कारोबार में बड़े स्तर पर निवेश कर अमरीकी कंपनी सेंसहॉक की 79.4 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। रिलायंस की योजना अगले 10-15 सालों में रिन्यूएबल एनर्जी में 80 बिलियन डॉलर तक निवेश करने की है।
देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की है कि उसने 32 मिलियन डॉलर में अमेरिकी कंपनी सेंसहॉक (SenseHawk) की 79.4 फीसद हिस्सेदारी खरीदने फैसला किया है। सेंसहॉक एक एनर्जी सॉफ्टवेयर कंपनी है, जो सोलर एनर्जी इंडस्ट्री में जुड़े सॉफ्टवेयर बनाती है।
शेयर बाजार फाइलिंग में दी गई जानकारी के अनुसार, रिलायंस जल्द ही इस सौदे को अंतिम रूप देगा। सेंसहॉक उत्पादन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और ऑटोमेशन का उपयोग करके कंपनियों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है। यह एक डिजिटल सोलर प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है, जिसका इस्तेमाल सोलर पार्क का प्रबंधन करने के लिए किया जाता है। सेंसहॉक का टर्नओवर वित्त वर्ष 2019-20 में 12,92,063 डॉलर, वित्त वर्ष 2020-21 में 11,65,926 डॉलर और वित्त वर्ष 2021-22 में 23,26,369 डॉलर रहा था। मुकेश अंबानी ने इस अधिग्रहण पर कहा कि सेंसहॉक, कंपनी की ओर से न्यू एनर्जी में किया गया एक और निवेश है। यह ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले यूनिक एनर्जी सॉल्यूशन तैयार करेगा।
न्यू एनर्जी कारोबार में रिलायंस कर रहा बड़ा निवेश
रिलायंस न्यू एनर्जी कारोबार में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है। रिलायंस की योजना अगले 10-15 सालों में रिन्यूएबल एनर्जी में 80 बिलियन डॉलर तक निवेश करने की है। रिलायंस ने धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स में चार गीगा फैक्ट्री बनाने पर कार्य कर रहा है। इन फैक्ट्रियों में रिलायंस सोलर पैनल, एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, एलेक्ट्रोलिसर्स और फ्यूल सेल का निर्माण करेगा। ये चार फैक्ट्रियों जामनगर में करीब 5,000 एकड़ में फैली होंगी।
ग्रीन एनर्जी अगला लक्ष्य
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार पेट्रोकेमिकल, ऑयल और गैस, टेलीकॉम और रिटेल में फैला हुआ है। मौजूदा समय में कंपनी की 60 फीसद आय ऑयल- रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र से आती है। कंपनी की योजना अब अपने कारोबार को ऑयल और गैस सेक्टर से हटाकर ग्रीन एनर्जी पर केंद्रित करने की है। बता दें कि मुकेश अंबानी ग्रीन एनर्जी को रिलायंस का अगला इंजन बता चुके हैं।
– एजेंसी