खान पान, तनाव और प्रदूषण से आ रही प्रजनन दर में कमी: डॉ. सोनिया मलिक

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आगरा। दिल्ली की डॉ. सोनिया मलिक ने बताया कि पिछले 15 सालों में बांझपन की समस्या तेजी से बढ़ी है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अधिक उम्र में शादी है अब बच्चे न होने पर औसत 38 की आयु की महिलाएं डॉक्टरों के पास पहुंच रही हैं।

आगरा में आयोजित 36वें यूपीकॉन में भाग लेने के लिए आगरा आईं डॉ. सोनिया मलिक ने बताया कि उम्र बढ़ने पर अंडाणु का भंडार बहुत कम हो जाता है, इसलिए गर्भधारण में समस्या आती है। इसी तरह से पुरुषों में भी समस्या बढ़ी है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही खान पान, तनाव और प्रदूषण से भी प्रजनन दर में कमी आ रही है। 20 से 30 वर्ष की आयु में महिलाओं में अंडाणु की मात्रा अच्छी होती है। यही उम्र होती है गर्भधारण की लेकिन शादी ही अब 30 साल के बाद हो रही है।

सिर में डाई लगाने और कास्मेटिक से भी बांझपन की समस्या

आगरा। बैंगलुरू की डॉ. शीला माने ने बताया कि सिर में डाई लगाने, कास्मेटिक का अत्यधिक इस्तेमाल करने से भी महिलाओं के अंडाणुओं पर असर पड़ रहा है और इसके कारण भी बांझपन की समस्या बढ़ी है।

यूपीकॉन-36 में भाग लेने आगरा आईं डॉ. शीला माने ने बताया कि जीवनशैली में हो रहे बदलाव, शारीरिक परिश्रम बंद होने से पालीसिस्टिक ओवरी डिसआर्डर बढ़ रहे हैं। इसके बाद में गर्भधारण में समस्या आती है और मधुमेह होने का खतरा रहता है।