अलीगढ़।समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के राणा सांगा पर की गई टिप्पणी के बाद लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। देशभर में रामजीलाल सुमन के लिए लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। इसी बीच हिंदू नेता मोहन चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। मोहन चौहान ने रामजीलाल सुमन को गोली मारने वाले को 25 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। मोहन चौहान का ऐलान है कि अगर इससे पहले वह रामजीलाल सुमन से मिलते हैं तो वह खुद भी उन्हें पहले गोली मारेंगे। मोहन चौहान द्वारा की गई घोषणा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जवां थाना क्षेत्र के कोटा गांव बहादुरपुर के करणी सेना के नेता मोहन चौहान ने वीडियो में कहा कि ये वादा करता हूं की आप सभी ने मेरा साथ देकर मेरा साहस बढ़ाया है।करणी सेना के कार्यकर्ता दूर दराज से आए लाठियां-डंडे खाए, सैंकड़ों सपा के गुंडे, माफिया छतों पर छिपे बैठे थे।मुझे दुख है कि मेरे भाइयों को चोटें लगीं।
एक अन्य वीडियो में मोहन चौहान ने कहा कि हमें अपमान बर्दाशत नहीं है। महाराणा सांगा जी वीर थे, उनके शरीर पर 80 घाव थे, एक पैर नहीं था, एक हाथ नहीं था, आंख नहीं थी फिर भी वे लड़ते रहे, किसी से मदद नहीं मांगी, वो वीर थे। मोहन चौहान ने वीडियो में आगे कहा कि हमारे समाज के,हमारे इतिहास से कोई छेड़छाड़ करेगा तो उसे बख्शेंगे नहीं, जो भी रामजी लाल सुमन को कोई गोली मारेगा तो 25 लाख इनाम देंगे, किसी के मारने से पहले हमें मिल गया तो हम गोली मारेंगे और रामजी लाल के माफी न मांगने तक यही बयान रहेगा।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के मेवाड़ के राजा राणा सांगा को गद्दार कहने का मामला गर्माया हुआ है। देशभर में सपा सांसद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही उन पर कार्रवाई की मांग की जा रही हैं। हाल ही में राजस्थान में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सांसद की जुबान काटने पर 5.51 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की थी।
बताते चलें कि बीते 21 मार्च को राज्यसभा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा था कि भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है तो फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है, बाबर को कौन लाया, बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। रामजीलाल सुमन ने कहा था कि मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो, यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए।बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं,जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है।
– साभार सहित