मोदी सरकार ने 18 सितंबर से संसद का पांच दिनों का विशेष सत्र बुलाया है। यह 22 सितंबर तक चलेगा। बताया गया है कि 19 सितंबर से नए संसद भवन में सत्र चलेगा। अचानक संसद सत्र बुलाने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने 9 पॉइंट्स में अपनी बात रखी है।
सोनिया गांधी ने कहा है कि विशेष सत्र बुलाने से पहले दूसरे राजनीतिक दलों से कोई परामर्श नहीं किया गया। हममें से किसी को भी पता नहीं है कि सत्र का एजेंडा क्या है। हमें बताया गया है कि पांच दिन गवर्नमेंट बिजनस के लिए दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा है कि हम निश्चित रूप से स्पेशल सेशन में शामिल होना चाहते हैं क्योंकि यह हमें जनता के महत्व के मुद्दे उठाने का अवसर देगा। मैं उम्मीद करती हूं कि उचित नियमों के तहत 9 मुद्दों पर चर्चा के लिए समय दिया जाएगा।
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से संसद के विशेष सत्र में आर्थिक स्थिति, किसान संगठनों के साथ समझौते, अडाणी समूह के खुलासे, जातीय जनगणना की मांग, संघीय ढांचे पर हमले समेत नौ मुद्दों पर चर्चा का आग्रह किया है।
सोनिया गांधी की चिट्ठी के 9 मुद्दे
1. मौजूदा आर्थिक स्थिति जो आवश्यक वस्तुओं की कीमतें और बेरोजगारी बढ़ने, असमानता में वृद्धि के साथ ही एमएसएमई के संकट पर केंद्रित है।
2. एमएसपी और किसानों की अन्य मांगों के संबंध में भारत सरकार की तरफ से जताई गई प्रतिबद्धता।
3. हाल के खुलासों के मद्देनजर अडाणी समूह के लेन-देन की जांच के लिए जेपीसी की मांग।
4. मणिपुर के लोगों की निरंतर पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का छिन्न-भिन्न होना।
5. हरियाणा जैसे कई राज्यों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है।
6. चीन का भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्जा और लद्दाख एवं अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर संप्रभुता के लिए चुनौती बनना।
7. जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है।
8. केंद्र और राज्य संबंधों को नुकसान हो रहा।
9. कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और अन्य राज्यों में सूखे के कारण होने वाली प्राकृतिक आपदाओं का असर।
सोनिया ने लेटर के आखिर में कहा है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि रचनात्मक सहयोग के साथ इन मुद्दों पर आगामी विशेष सत्र में बात की जाएगी। उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया है कि ‘इंडिया एलायंस’ ने संसद के मॉनसून सत्र का बहिष्कार न करने का फैसला किया है। दरअसल, पिछले सत्र में संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के चलते काफी समय खराब हुआ था।
Compiled: up18 News